BJP संगठन में बदलाव की अटकलें, अगले महीने खत्म हो रहा वीडी शर्मा का कार्यकाल

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को तीसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बना सकती है बीजेपी, राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी और राजेंद्र शुक्ला का नाम भी रेस में शामिल, वीडी शर्मा को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करने कि चर्चा

Updated: Jan 18, 2023, 05:29 AM IST

भोपाल। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्‌डा का कार्यकाल जून 2024 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। अब नड्डा के अध्यक्ष रहते ही बीजेपी लोकसभा चुनाव लडेगी। इधर मध्य प्रदेश में BJP संगठन में बदलाव की अटकलें भी तेज हो गई है। दरअसल, वीडी शर्मा का कार्यकाल अगले महीने पूरा हो रहा है। ऐसे में अब उन्हें एक्सटेंशन मिलेगा या नहीं इस बात को लेकर बीजेपी दफ्तर में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।

सूत्रों के मुताबिक मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का कार्यकाल बढ़ेगा या नहीं इसपर जल्द ही केंद्रीय नेतृत्व अपना फैसला सार्वजनिक करने वाला है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन राज्यों में चुनाव है वहां सत्ता-संगठन में बड़े पैमाने पर बदलाव होना तय है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि वीडी शर्मा को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है। उनके स्थान पर बीजेपी चुनावी गणित के हिसाब से जातीय कार्ड खेल सकती है। 

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बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी, पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला और लाल सिंह आर्य के नाम की चर्चा है। सोलंकी आदिवासी और युवा नेता हैं साथ ही वह मोदी-शाह की पसंद बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनाव पूर्व आदिवासी वोटर्स को साधने के लिए बीजेपी ये हथकंडा अपना सकती है। 2018 में हार की वजह आदिवासी वोटबैंक का ही छिटकना माना गया था। ऐसे में बीजेपी सोलंकी को अध्यक्ष बनाकर 22 फीसदी आदिवासी वोटर्स को अपने पाले में लाने की कोशिश कर सकती है।

यदि जातीय संतुलन की बात की जाए तो सामान्य वर्ग के लोगों में भी बीजेपी सरकार के खिलाफ भयंकर नाराजगी है। ऐसे में सामान्य वर्ग के नेता को भी अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसके लिए पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला का नाम चर्चा में है। शुक्ला को अध्यक्ष बनाया जाता है तो बीजेपी विंध्य के साथ-साथ महाकौशल भी साधने की कोशिश करेगी। क्योंकि पिछले दो साल से विंध्य और महाकौशल के तमाम नेता लगातार अपनी उपेक्षा की शिकायत करते रहे हैं। चुनाव के हिसाब से विंध्य और महाकौशल काफी अहम माना जाता है।

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2018 चुनाव के आंकड़े देखें तो प्रदेश के छह अंचलों में विंध्याचल एकमात्र ऐसा क्षेत्र रहा जहां बीजेपी ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया। यहां की 30 सीटों में से उसे 24 पर जीत मिली थी। लेकिन इस बार स्थिति बिल्कुल इसके उलट है और कांग्रेस यहां खेल कर सकती है। प्रदेश में बीजेपी यदि दलित वोटर्स को साधे रखने की रणनीति पर आगे बढ़ती है तो इस वर्ग से लाल सिंह आर्य का नाम रेस में आगे है। वे अनुसूचित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। आर्य, शिवराज सरकार के पिछले कार्यकाल में मंत्री रह चुके हैं। हालांकि वे 2018 में चुनाव हार गए थे। मध्य प्रदेश में 35 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है और 17% वोट शेयर इसी वर्ग के हैं।

सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि, राज्य सरकार के एक मंत्री ने एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि तोमर पहले ही दो बार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं ऐसे में उन्हें तीसरी बार अध्यक्ष नहीं बनाया जाएगा और न ही वे चाहते हैं। अध्यक्ष पद किसी युवा को ही दिया जाएगा। उन्होंने तो यहां तक दावा किया कि चुनाव तक वीडी शर्मा ही प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे और जल्द ही उनका एक्सटेंशन लेटर आने वाला है।

राज्य के एक वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व मध्य प्रदेश को लेकर सर्वाधिक चिंतित है। यहां पार्टी को न सिर्फ एंटी इनकंबेंसी बल्की अंदरुनी कलह का भी सामना करना पड़ रहा है। पिछली बार चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा था। बाद में कांग्रेस से सिंधिया की बगावत के बाद पार्टी ने राज्य ने सरकार बनाई थी। बीजेपी को पता है कि फिर सत्ता में फिर से आना बेहद मुश्किल है और इसके लिए वे हरसंभव बदलाव करेंगे।