आत्महत्या के मामले में तीसरे स्थान पर है MP, 2020 में 14 हजार से ज्यादा लोगों ने की खुदकुशी

आत्महत्या के मामले में पहले पायदान पर महाराष्ट्र है, वहां 2020 में 19 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी, जबकि तमिलनाडु में 16 हजार से ज्यादा लोगों ने खुदकुशी की

Publish: Oct 31, 2021, 08:04 AM IST

भोपाल। कुपोषण, बेरोजगारी, शिशु मृत्यु दर के बाद अब मध्य प्रदेश आत्महत्या के मामलों में भी टॉप के राज्यों में शामिल हो गया है। देश भर में खुदकुशी के मामले में मध्य प्रदेश तीसरे स्थान पर है। 2020 में मध्य प्रदेश में 14 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या कर ली। प्रदेश में बीते साल कुल 14 हजार 578 लोगों ने आत्महत्या कर अपनी जान दे दी। 

यह खुलासा एनसीआरबी की एक रिपोर्ट में हुआ है।आत्महत्या करने वाले 14 हजार 578 लोगों में 9 हजार 663 पुरुष थे, जबकि 4 हजार 915 महिलाओं ने खुदकुशी की। इनमें पांच हजार 579 छात्र थे। मौत को गले लगाने वाले इन छात्रों में 2 हजार 887 छात्र दसवीं तक के थे। 

आत्महत्या के मामलों में हुई वृद्धि 

मध्य प्रदेश के आंकड़े इसलिए भी चिंताजनक हैं क्योंकि पिछले वर्ष के मुकाबले आत्महत्या के मामलों में वृद्धि देखी गई है। 2019 की तुलना में 2020 में प्रदेश में आत्महत्या मामलों में 17 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2019 में प्रदेश में 12 हज़ार 457 लोगों ने खुदकुशी की थी। 

भोपाल और इंदौर में बढ़े मामले, जबलपुर में आई कमी 

राजधानी भोपाल में आत्महत्या के मामले बढ़े हैं। भोपाल में 2019 के मुकाबले 17.8 फीसदी अधिक लोगों ने आत्महत्या की। 2020 में राजधानी में 416 लोगों ने सुसाइड किया, जबकि इसके पिछले साल 353 लोगों ने सुसाइड किया था। वहीं इंदौर में 2019 में आत्महत्या के 618 मामले सामने आए थे, वहीं 2020 में खुदकुशी के 644 मामले सामने आए हैं। जबलपुर में 2019 में खुदकुशी के 302 मामले सामने आए थे, लेकिन 2020 में आत्महत्या के मामले घटकर 242 हो गए। 

आत्महत्या करने के पीछे परीक्षा में विफलता, पारिवारिक समस्या, बेरोजगारी, दहेज के लिए उत्पीड़न बड़े कारण सामने आए हैं। खेती किसानी से जुड़े 775 लोगों ने 2020 में आत्महत्या की थी। आत्महत्या करने वाले इन किसानों में 220 किसान ऐसे थे जो अपनी जमीन पर खेती किया करते थे।