आस्था के नाम पर अंधविश्वास, देवी को प्रसन्न करने के लिए मां ने बेटे को मौत के घाट उतारा

पन्ना के कोनी गांव में खुद को देवी बताने वाली महिला ने बेटे की कुल्हाड़ी से हत्या की, पुलिस ने गिरफ्तार किया, महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, लेकिन परिवार के लोग झाड़फूंक में फँसे रहे

Updated: Oct 23, 2020, 10:01 PM IST

Photo Courtesy: Madhya Pradesh Times
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पन्ना। एक तरफ माता की आराधना का पर्व नवरात्र चल रहा है, वहीं दूसरी ओर एक मां ने अपने जवान बेटे को मौत के घाट उतार दिया। मामला पन्ना जिले के कोनी गांव का है, जहां आस्था के नाम पर अंधविश्वास का खेल खेला गया है। महिला की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, वह अक्सर खुद को देवी कहती थी और बलि लेने की बात कहती थी। बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात जब महिला का पति और उसका 24 साल का बेटा द्वारका सो रहे थे तब महिला ने अपने सोते हुए बेटे के गले पर कुल्हाड़ी से वार कर दिया। कुल्हाड़ी के वार से उसकी मौत हो गई। बेटे की हत्या की जानकारी 50 वर्षिया सुनिया बाई ने खुद जाकर अपने पति को दी।

महिला के पति का कहना है कि 2-3 साल से सुनिया बाई की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह खुद को देवी बताती थी, अक्सर कहती थी कि उसे देवी के भाव आते हैं, वो बलि लेना चाहती है। रात में उसने अपने सोते हुए बेटे की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। महिला के इलाज के लिए झाड़फूंक का सहारा भी लिया गया था।  

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार सुनिया बाई लोधी ने अपने जवान बेटे द्वारका लोधी के गले पर कुल्हाडी से कई वार किए थे। पुलिस ने खून से रंगी कुल्हाड़ी भी जब्त की है। मां द्वारा बेटे की हत्या के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। उससे पूछताछ जारी है। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाया गया है।