उलगुलान 2023: दिग्विजय सिंह ने आदिवासियों से किया भाजपा सरकार के खिलाफ विद्रोह का आह्वान

आदिवासियों को विद्रोह उसी तरह करना होगा जैसे टंट्या भील और बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ किया था। शोषणकारी शक्तियों के खिलाफ जबतक लड़ाई नहीं लड़ोगे, शोषण होता रहेगा: दिग्विजय सिंह

Updated: May 31, 2023, 05:51 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने आदिवासियों से भाजपा सरकार के खिलाफ विद्रोह शुरू करने का आह्वान किया है। पूर्व सीएम ने बुधवार को कहा कि आज एक बार फिर आदिवासियों को उसी तरह विद्रोह करना होगा जैसे टंट्या भील और भगवान बिरसा मुंडा ने अंग्रेजों के खिलाफ किया था। उन्होंने आदिवासी समुदाय के लोगों से कहा कि शोषणकारी शक्तियों के खिलाफ जबतक लड़ाई नहीं लड़ोगे, शोषण होता रहेगा।

राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ये बातें राजधानी भोपाल स्थित कांग्रेस मुख्यालय में "आदिवासी विकास परिषद" द्वारा आयोजित समारोह में कही। इस दौरान सिंह ने आदिवासी विकास परिषद के तत्वाधान में "उलगुलान 2023" अभियान को लॉन्च किया। कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री व आदिवासी विकास परिषद कांतिलाल भूरिया, एआईसीसी प्रभारी जेपी अग्रवाल, पूर्व मंत्री उमंग सिंघार, MPYC चीफ डॉ विक्रांत भूरिया, एडवोकेट सुनील आदिवासी समेत प्रदेशभर के आदिवासी समुदाय के लोग शामिल थे।

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस दौरान मध्य प्रदेश के एआईसीसी प्रभारी जेपी अग्रवाल से कहा कि
उलगुलान 2023 लागू करने का जो कांतिलाल भूरिया जी ने आह्वान किया है, इस अभियान को पूरे प्रदेशभर में चलाना चाहिए। सिंह ने कहा कि, 'मध्य प्रदेश में जबतक एससी-एसटी वर्ग का समर्थन कांग्रेस को नहीं मिलेगा, हमारी सरकार नहीं बनने वाली है। जब-जब हमें एससी-एसटी वर्ग का समर्थन मिला है कांग्रेस की सरकार बनी है। एससी और एसटी दोनों वर्ग एकजुट हो गए तो भाजपा कभी नहीं चुनाव नहीं जीत सकती। लेकिन एससी एसटी का वोट बांटने के लिए भाजपा अपनी बी टीम बीएसपी और जीजीपी को मैदान में उतारती है।'

सिंह ने आगे कहा, 'एससी एसटी के लिए भाजपा ने आजतक कोई नीति नहीं बनाई। आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण करने के अलावा उन्होंने कुछ नहीं किया। बाबा साहब आंबेडकर द्वारा बनाए संविधान का भी आरएसएस ने विरोध किया, संविधान को जलाया। हमारी नीतियां एससी-एसटी वर्ग लिए है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने जो पट्टे बांटे थे उन्हें भाजपा सरकार ने 18 साल में अभियान चलाकर निरस्त कर दिया, अथवा भाजपा के नेताओं ने उनपर कब्जा कर लिया।'

सिंह ने कहा, 'मध्य प्रदेश में सौ सीट हैं जहां आदिवासियों के 50 हजार से ज्यादा वोट हैं। एससी-एसटी का भाजपा कभी भला नहीं कर सकती। ये शोषण करने वाली पार्टी है। कांग्रेस आदिवासियों की भावनाएं समझती है और भाजपा उनका शोषण करती है। आज प्रदेशभर में एससी-एसटी हॉस्टल की उतनी बुरी हालत है की आप दो दिन रुक नहीं सकते। जबलपुर का उदाहरण सामने है। हॉस्टल की स्थित बदहाल है। माफिया हॉस्टल की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। हॉस्टल को पंद्रह किमी दूर शिफ्ट करना चाहते हैं। लड़के प्रदर्शन पर बैठे तो मैं भी गया था। मैने संसद निधि से उन्हें साढ़े ग्यारह लाख रुपए दिए, तो उन रुपयों को खर्च करने से मना कर दिया।'

सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश के चार जिले (झाबुआ, बड़वानी, डिंडोरी और मंडला जहां 50 फीसदी से ज्यादा आदिवासियों की आबादी है, यहां छठवीं अनुसूची लागू होना चाहिए। उन्हें शासन चलाने और फैसले लेने का अधिकार होना चाहिए। हम चाहते हैं कि इन जिलों में कलेक्टर उनका सचिव हो और जिला काउंसिल का अध्यक्ष आदिवासी चुना हुआ व्यक्ति होना चाहिए। भाजपा आदिवासियों के पहचाना को समाप्त करना चाहती है। राहुल गांधी ने भी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कहा था आदिवासी इस देश के मूल निवासी हैं। भाजपा उनके पहचान को समाप्त कर उन्हें वनवासी कहना चाहती है।'