पानी के प्रेशर से ढहा कारम डैम का वॉल, तेज रफ्तार से बहाव शुरू, डूबने के कगार पर कई गांव
रिसाव के बाद डैम को खाली करने के लिए बांध की जिस दीवार को तोड़कर पानी छोड़ा जा रहा था, उसी दीवार का बड़ा हिस्सा पानी के प्रेशर से बह गया, आसपास के इलाकों में तेजी से पानी भरने लग है

धार। मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित कारम डैम का बड़ा हिस्सा रविवार शाम ढह गया। पानी के प्रेशर से डैम के वॉल का एक हिस्सा बह गया। अब डैम से पानी बेहद तेजी से बाहर निकल रही है। नतीजतन आसपास के दर्जनों गांव डूबने के कगार पर आ गए हैं।
दरअसल, रिसाव के बाद डैम को खाली करने के लिए बांध की जिस दीवार को तोड़कर पानी छोड़ा जा रहा था, उसी दीवार का बड़ा हिस्सा पानी के प्रेशर से बह गया। डैम के आसपास के 18 गांव पहले ही खाली करवा दिए गए थे। इसके कुछ अन्य गांवों के भी डूबने की आशंका है। यहां से लोगों को हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस की टीम गांवों में मुनादी करा रही है। लोगों और मवेशियों को हटाया जा रहा है।
धार डेम, मध्यप्रदेश अपडेट
— Kisan Swaraj Sangathan (@KisanSwaraj_) August 14, 2022
डैम को लेकर 6:34 pm
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जानकारी के मुताबिक डैम वाले इलाके में चार किलोमीटर तक आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। किसी को पैदल भी नहीं जाने दिया जा रहा। डैम का पानी फैलने से बड़वी नदी में भी उफान आ गया। कारम डैम से करीब 25 किमी दूर बड़वी पुल शाम 7 बजे से डूबना शुरू हो गई। रात 8 बजे तक पुल पर करीब 10 फीट तक पानी आ गया। डैम से तेजी से निकल रही पानी की धाराओं को देखते हुए राहत कैंप में रह रहे ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है।
धार के डैम की यह तस्वीरें भयावह है…. pic.twitter.com/hXpwBsSSAD
— Narendra Saluja (@NarendraSaluja) August 14, 2022
ग्रामीणों का कहना है कि अब उनका सबकुछ बर्बाद हो जाएगा। घर और सारा जमापूंजी बह जाएगा। ग्रामीण घर छोड़कर दो दिन से पहाड़ पर बैठे हुए हैं। पहाड़ से उन्हें डैम से निकले पानी का रौद्र रूप साफ साफ दिख रहा है। वे मवेशियों को साथ लेकर पहाड़ी पर रहने आए हैं। गांव खाली हाेने के बाद गलियों को कटीली झाड़ियों और लकड़ी की बल्लियों की मदद से बंद किया गया है।
उधर हवाई सर्वे करने के बाद मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने बताया कि बांध का आधा पानी निकल गया है। डैम का पानी नजदीकी गांवों के करीब पहुंचा है, लेकिन अभी किसी गांव के अंदर नहीं घुसा है। रात 12 बजे तक 2 या 3 घंटे में तालाब से 10 से 12 एमक्यूएम पानी निकल जाएगा। इसके बाद खतरा टल जाएगा।