OBC वर्ग की महिलाएं वंचित रह जाएंगी, महिला आरक्षण बिल में उमा भारती ने उठाई कोटे के भीतर कोटा की मांग
उमा भारती ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर कहा कि महिला आरक्षण बिल में यह सुनिश्चित होना चाहिए की इसका 50% हिस्सा एसटी, एससी एवं ओबीसी महिलाओं को मिलेगा।
भोपाल। केंद्र की मोदी सरकार ने मंगलवार को नई संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश कर दिया। जनगणना नहीं होने के कारण कांग्रेस महिला आरक्षण के मुद्दे केंद्र सरकार की नियत पर सवाल खड़े कर रही है। अब भाजपा में भी इसे लेकर अंतर्विरोध खुलकर सामने आ गया है। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की कद्दावर नेत्री उमा भारती ने कोटे के भीतर कोटा की मांग उठाई है।
उमा भारती ने मंगलावर को पत्रकारों से बातचीत के दौरान न सिर्फ केंद्र की महिला आरक्षण बिल बल्कि शिवराज सरकार की लाडली बहना योजना पर भी निशाना साधा। उमा भारती ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि क्या हम महिलाओं को लेकर सारे काम वोट के लालच में करेंगे? क्या हम योजनाएं इसलिए बना रहे हैं कि महिलाएं वोट दें? ये हजार, दो हजार देने से क्या हो जाएगा? उन्हें विधानसभा और संसद में स्थान दें।
Former #MadhyaPradesh CM and @BJP4MP leader Uma Bharti taking a jibe a CM Shivraj Singh Chouhan's ambitious #ladlibahnayojana in light of #WomenReservationBill ?#Quota_Within_Quota pic.twitter.com/WIjfyotEgo
— Vishnukant (@vishnukant_7) September 19, 2023
उमा भारती ने महिला आरक्षण बिल को OBC आरक्षण के बगैर अधूरा बताया है। उमा भारती ने ओबीसी वर्ग की महिलाओं के लिए विशेष कोटा का मांग करते हुए कहा कि ओबीसी वर्ग की महिलाएं पहले भी भाजपा को वोट देती थीं और आज भी देती हैं। लेकिन क्या हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती की हम उनका ध्यान रखें। उमा भारती ने इस दौरान यह भी बताया कि कोटे के भीतर कोटा की मांग को लेकर उन्होंने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है और महिला आरक्षण बिल में 50% हिस्सा एसटी, एससी एवं ओबीसी वर्ग की महिलाओं को सुनिश्चित करने की मांग की है।
पीएम मोदी को संबोधित पत्र में उमा भारती ने लिखा है कि, '1996 में जब देवेगौड़ा जी ने महिला आरक्षण बिल सदन में प्रस्तुत किया तब मैं संसद में मौजूद थी और मैंने तुरंत खड़े होकर इस विधेयक में संशोधन प्रस्तुत किया, जिसमें आधे से ज्यादा सदन ने मेरा साथ दिया एवं देवेगौड़ा जी ने संशोधन को सहर्ष स्वीकार करते हुए विधेयक स्टैंडिंग कमेटी को सौंपने की घोषणा की। जैसे ही मैं सदन के गलियारे में आई, मेरे ही पार्टी के बहुत से सांसद मुझसे नाराज़ थे किंतु अटल बिहारी वाजपेयी ने मेरी बात को धैर्य एवं सम्मान के साथ सुना।'
उमा भारती ने पीएम मोदी को लिखा कि, 'विचारधारा के दृष्टि से घोर विरोधी होते हुए भी मुलायम सिंह यादव एवं लालू यादव, हमारे गठबंधन के साथी नीतीश कुमार, शरद यादव, जॉर्ज फर्नांडीस सब इस प्रस्तुत संशोधन के पक्ष में रहे। जॉर्ज फर्नांडीस जी ने मुझे ही स्टैंडिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा। मुझे विश्वास है की उसी संशोधन के साथ आप इस विधेयक को पारित करवायेंगे। विधायिका में महिलाओं को 33% आरक्षण यह एक विशेष प्रावधान हैं तो इसमें यह सुनिश्चित।होना चाहिए की इसका 50% हिस्सा एसटी, एससी एवं ओबीसी महिलाओं को मिलेगा।'
उमा भारती ने पीएम को संबोधित पत्र में लिखा है कि एसटी-एससी महिलाओं को संवैधानिक व्यवस्था के कारण 24% शायद आरक्षण मिल भी जायेगा किंतु ओबीसी महिलायें पीछे छूट जायेगी। उमा भारती ने यह भी कहा कि मण्डल कमीशन के द्वारा चिह्नित मुस्लिम समुदाय की पिछड़ी जाति की महिलाओं को भी इसमें शामिल होना चाहिये। यदि इस विशेष प्रावधान के बगैर यह विधेयक पारित हो रहा है तो पिछड़े वर्गों की महिलाये इस विशेष अवसर से वंचित हो रही है।