कन्फेक्शनरी माफिया के सवाल पर भड़के मंत्री सिलावट ने छोड़ी प्रेस कांफ्रेंस, पत्रकार को धमकाने का भी आरोप

माफिया संजय जैसवानी को लेकर सवाल पूछे जाने पर भड़के बीजेपी मंत्री तुलसी सिलावट, प्रेस कॉन्फ्रेंस बीच में छोड़कर उठे, रिपोर्टर को केबिन में बुलाकर धमकाने का भी आरोप

Updated: Sep 23, 2024, 06:53 PM IST

इंदौर। कन्फेक्शनरी माफिया संजय जैसवानी से रिश्तों को लेकर मोहन सरकार में मंत्री तुलसी सिलावट घिरते नजर आ रहे हैं। सोमवार को इस संबंध में एक सवाल किए जाने पर मंत्री सिलावट इतना तिलमिला गए की वह बीच में ही प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर उठ गए। इतना ही नहीं उन्होंने तत्काल सवाल पूछने वाले पत्रकार को केबिन में बुलाकर कथित तौर पर धमकी भी दी।

दरअसल, सोमवार को इंदौर स्थित भाजपा कार्यालय में मंत्री तुलसीराम सिलावट प्रेस को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान एक पत्रकार ने उनसे माफिया संजय जैसवानी को लेकर मंत्री से सीधा सवाल किया। पत्रकार ने पूछा कि माफिया संजय जैसवानी को बचाने के आरोप मंत्री जी आप पर क्यों लग रहे हैं? तुलसी सिलावट इतना सुनते ही गुस्से से लाल हो गए। उन्होंने दस सेकंड का जवाब दिया और गुस्से में प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर उठ गए।

सवाल पूछने वाले पत्रकार हेमंत शर्मा का आरोप है कि इसके बाद उन्हें केबिन में बुलाकर मंत्री सिलावट ने धमकाते हुए कहा कि तुम अभी मुझे अच्छे से नहीं जानते हो। मंत्री सिलावट के इस व्यवहार को लेकर पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कन्फेक्शनरी माफिया संजय जैसवानी को कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट का संरक्षण प्राप्त है। इतना ही नहीं जैसवानी की कंपनी में मंत्री सिलावट का बेटा भी पार्टनर रह चुका है। हाल ही में जैसवानी पर अपने सीए को घर में दो दिन तक बंधक बनाकर रखने के आरोप लगे थे। सीए के परिजन द्वारा जब इस संबंध में विजय नगर थाने में शिकायत की गई तो पुलिस ने सीए को जैसवानी के निवास से छुड़ा तो लिया, लेकिन जैसवानी को गिरफ्तार करने के बजाय पीड़ित सीए एवं उसके साथी को ही रात भर थाने में बैठाकर रखा।

इसके बाद सीए एसोसिएशन के सदस्यों ने विजय नगर थाने में जमकर हंगामा किया था। इतना ही नहीं इंदौर में एक विदेशी नागरिक को बंधक बनाया गया था। वो शिकायत करने लसूड़िया थाने पर पहुंचा था और उसने संजय जैसवानी पर आरोप लगाए थे। उससे आवेदन ले लिया गया लेकिन केस दर्ज नहीं हुआ। इस पूरे मामले में मंत्री तुलसी सिलावट घिरे हुए हैं। लेकिन सवालों का जवाब देने के बजाए वह पत्रकार को उल्टा धमकाने लगे।