युवक से पैर धुलवाए, फिर वही पानी पीने को किया मजबूर, दमोह में मीम शेयर करने पर दी सजा

दमोह जिले के सतरिया गांव में एक युवक को मीम पोस्ट करना भारी पड़ा। परसोत्तम कुशवाहा को गांव वालों ने पैर धुलवाकर वही पानी पिलाया। साथ ही 5100 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया।

Updated: Oct 12, 2025, 01:59 PM IST

दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक युवक ने सोशल मीडिया पर मीम शेयर की तो इतनी अमानवीय सजा दी गई कि सुनकर हर कोई हैरान रह गया। युवक को पैर धुला हुआ पानी पीने के लिए मजबूर किया गया। इस घटना के बाद पीड़ित युवक के लोग सहमे हुए हैं।

दरअसल, परसोत्तम कुशवाहा नामक युवक ने गांव के ही अन्नू पांडे का एक मीम इंस्टाग्राम पर पोस्ट कर दिया था। जिसमें AI तकनीक का इस्तेमाल करके अन्नू को जूते की माला पहने दिखाया गया था। मीम पोस्ट होने के कुछ ही मिनटों में गांव में मामले ने तूल पकड़ लिया। विवाद बढ़ता देख परसोत्तम ने 15 मिनट के भीतर पोस्ट डिलीट कर दी और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांग ली, लेकिन बात यहीं नहीं थमी।

परसोत्तम को कथित तौर पर जातीय दबाव में न सिर्फ अपमानित किया गया, बल्कि उसे ब्राह्मण युवक के पैर धोकर पानी पीने को मजबूर भी किया गया। यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई। वीडियो वायरल होते ही पूरे इलाके में हलचल मची हुई है। उसे अन्नू पांडे के पैर धोकर वही पानी पीने को मजबूर किया गया और पूरे समाज से माफी मांगने को कहा गया। इसके अलावा 5100 रुपए का अर्थदंड भी लिया गया। 

इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें परसोत्तम को सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जा रहा है। गांव के ही कुछ लोग इस दौरान मौके पर मौजूद थे, जिनमें कुशवाहा समाज के लोग भी शामिल हैं। पीड़ित परिवार ने अब तक किसी तरह की शिकायत नहीं की है। उनका कहना है कि वे डर के कारण कार्रवाई नहीं चाहते।

यह पूरा मामला गांव में लागू शराबबंदी से जुड़ा है। दरअसल गांव वालों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी का फ़ैसला लिया था। लेकिन आरोप है कि अन्नू पांडे चोरी-छिपे शराब बेच रहा था। पकड़े जाने पर गांव की पंचायत ने उसे पूरे गांव से माफी मांगने और 2100 का जुर्माना भरने की सजा दी, जिसे अन्नू पांडे ने यह सज़ा स्वीकार कर ली। इसके कुछ दिन बाद, परशुराम कुशवाहा ने अन्नू की एक AI से बनी तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, जिसमें अन्नू को जूतों की माला पहने दिखाया गया था। तस्वीर वायरल होते ही विवाद भड़क गया। परशुराम ने तस्वीर 15 मिनट के भीतर हटा दी और माफ़ी मांग ली, पर तब तक मामला ब्राह्मण समाज के अपमान के रूप में फैल चुका था।