Rajya Sabha: विपक्ष के 8 राज्यसभा सांसद पूरे मौजूदा सत्र के लिए निलंबित, उपसभापति के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव भी खारिज
Parliament Monsoon Session 2020: विपक्ष का विरोध जारी, संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने दिया धरना

नई दिल्ली। विपक्ष के आठ राज्यसभा सांसदों को संसद के मौजूदा सत्र के बाकी बचे दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया है। पहले खबर आई थी कि उन्हें एक हफ्ते के लिए निलंबित किया गया है। लेकिन अब से थोड़ी देर पहले समाचार एजेंसियों ने बताया कि विपक्षी सांसदों का निलंबन सत्र में बाकी बचे दिनों के लिए किया गया है। विपक्षी सांसदों के खिलाफ ये कार्रवाई राज्यसभा के चैयरमैन वेंकैया नायडू ने की है। नायडू ने उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ पेश विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर दिया है। वेंकैया नायडू के इन कदमों का विपक्षी दल जमकर विरोध कर रहे हैं। निलंबित किए गए सांसदों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया। जिसके बाद राज्य सभा की कार्यवाही को बार-बार स्थगित करना पड़ा। आखिरकार संदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। सभापति ने कहा कि जब तक निलंबित सांसद बाहर नहीं जाते सदन की कार्यवाही शुरू नहीं हो सकती। इसके बाद भी विपक्ष ने 8 सांसदों के निलंबन के खिलाफ विरोध करना जारी रखा और संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना भी दिया।
Delhi: MPs of opposition parties, including the suspended MPs, hold protest in front of Gandhi statue in the Parliament premises, against the suspension of eight MPs by Rajya Sabha Chairman M Venkaiah Naidu today pic.twitter.com/m6x41cHc2t
— ANI (@ANI) September 21, 2020
कांग्रेस ने विपक्षी सांसदों के निलंबन को लोकतंत्र विरोधी और मनमाने ढंग से की गई कार्रवाई बताया है। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी राज्यसभा के विपक्षी सांसदों का निलंबन वापस कराने के लिए विरोध प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने भी विपक्षी सांसदों के निलंबन की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है।
क्या देश में संसदीय प्रणाली बची है?
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) September 21, 2020
क्या संसद में किसान की आवाज़ उठाना पाप है?
क्या तानाशाहों ने संसद को बंधक बना लिया है?
क्या सत्ता के नशे में सच की आवाज़ नही सुनती?
कितनी आवाज़ और दबाएँगे मोदी जी.....
किसान की,
मज़दूर की,
छोटे दुकानदार की,
संसद की.....#KisaanVirodhiModi pic.twitter.com/fjJUTSjm5w
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी संसद परिसर में धरने पर बैठने की तस्वीर ट्विटर पर पोस्ट करते हुए सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार भले ही कुछ भी दावा कर रही हो, नए विधेयकों में एमएसपी दिए जाने का कोई जिक्र नहीं है। उन्होंने इस मसले पर सरकार के रुख को 'गज़नी मोड' का नाम भी दिया है।
मोदी जी और उनके मंत्री देश को गुमराह करने में मास्टर है सब चिल्ला-चिल्ला कर कहेंगे न्यूनतम समर्थन मूल्य ख़त्म नही होगा लेकिन जब पूछोगे क़ानून में क्यों नही लिखा? तो “गजनी मोड” में चले जाएँगे क़ानून में मोदी जी ने MSP ख़त्म कर दी है। #FarmBills pic.twitter.com/9vKkae338B
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 21, 2020
सभापति वेंकैया नायडू ने विपक्ष के जिन सांसदों को एक हफ्ते के लिए राज्यसभा से निलंबित किया वे हैं - टीएमसी के सांसद डेरेक ओ'ब्रायन और डोला सेन, कांग्रेस सांसद राजीव साटव, रिपुन बोरा और सैयद नजीर हुसैन, सीपीएम सांसद केके रागेश, एलामारन करीम और आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह। नायडू ने रविवार को राज्यसभा में हुए हंगामे की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि रविवार का दिन राज्यसभा के लिए बुरा था। कुछ सदस्य सदन के वेल में आए। कुछ सांसदों ने पेपर को फेंका। माइक तोड़ दिया। रूल बुक को फेंका गया। उपसभापति को काम करने से रोका गया। सांसद अपना आत्मनिरीक्षण करें।
Derek O Brien, Sanjay Singh, Raju Satav, KK Ragesh, Ripun Bora, Dola Sen, Syed Nazir Hussain and Elamaran Karim suspended for one week for unruly behaviour with the Chair: Rajya Sabha Chairman M Venkaiah Naidu pic.twitter.com/JUs9pjOXNu
— ANI (@ANI) September 21, 2020
सभापति नायडू ने उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह के खिलाफ लाये गये विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को भी यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया कि यह नियमों के हिसाब से ठीक नहीं है। सभापति की इस कार्यवाही का विपक्षी सांसदों ने कड़ा विरोध किया। विपक्ष की 12 पार्टियों ने उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। यह अविश्वास प्रस्ताव राज्यसभा में रविवार को कृषि विधेयकों को पारित कराए जाने के दौरान उप-सभापति की भूमिका का विरोध करते हुए पेश किया गया था।
दरअसल, उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने विवादित कृषि विधेयकों को ध्वनिमत से पारित किए जाने का एलान कर दिया। जबकि विपक्षी सांसद इस पर मत विभाजन की मांग कर रहे थे। इसी के बाद टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने उपसभापति को दिखाकर रूल बुक फाड़ दी थी। राज्यसभा में कृषि विधेयक जिस ढंग से पारित कराए गए, उसे विपक्ष संसद के लिए काला दिन और लोकतंत्र की हत्या बता रहा है। हालांकि सरकार और बीजेपी सांसद कृषि बिलों के पारित होने को देश के किसानों के लिए ऐतिहासिक दिन बता रहे हैं। उनका आरोप है कि विपक्ष ने बिल पारित कराए जाने के दौरान न सिर्फ अमर्यादित बर्ताव किया, बल्कि संसद की गरिमा के साथ भी खिलवाड़ किया गया।