हफ्ते में दो दिन व्यायाम से अल्जाइमर पीड़ितों को राहत, दिल के दौरे और स्ट्रोक का जोखिम भी कम होगा

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि नियमित शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क को अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों से बचाने में सहायक हो सकती है।

Updated: Nov 06, 2024, 05:06 PM IST

एक नए अध्ययन में पाया गया है कि नियमित शारीरिक गतिविधि मस्तिष्क को अल्जाइमर जैसे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों से बचाने में सहायक हो सकती है। कनाडाई-अमेरिकी अनुसंधान दल ने 18 से 97 वर्ष की आयु के 10,000 से अधिक प्रतिभागियों पर यह अध्ययन किया, जिसमें प्रति सप्ताह केवल दो से तीन दिन का मध्यम से तीव्र व्यायाम मस्तिष्क के प्रमुख क्षेत्रों में वृद्धि करता है, जैसे कि हिप्पोकैम्पस और टेम्पोरल लोब, जो स्मृति और संज्ञान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस शोध के तहत प्रतिभागियों के मस्तिष्क के एमआरआई स्कैन का गहन-शिक्षण तंत्रिका नेटवर्क के माध्यम से विश्लेषण किया गया, जिसमें मस्तिष्क के आयतन और घनत्व में बदलावों पर ध्यान केंद्रित किया गया। परिणामों में पाया गया कि नियमित मध्यम या जोरदार व्यायाम जैसे तेज चलना मस्तिष्क के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य क्षमता को बढ़ाता है, जिसमें ओसीसीपिटल और पैरिएटल लोब, हिप्पोकैम्पस और फ्रंटल कॉर्टेक्स शामिल हैं।

अध्ययन में मस्तिष्क-व्युत्पन्न न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर (BDNF) की भी चर्चा की गई, जो व्यायाम के दौरान निकलने वाला एक प्रोटीन है और मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक है। यह प्रोटीन सूजन को कम करता है, सिनैप्टिक कनेक्शन को मजबूत करता है और न्यूरॉन विकास को बढ़ावा देता है, जो संज्ञानात्मक कार्य को संरक्षित रखने में मददगार है।

रोजाना कदमों की गिनती से लेकर मध्यम व्यायाम तक की सभी शारीरिक गतिविधियों को मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद पाया गया, जिसमें चलने जैसी हल्की शारीरिक गतिविधि भी न्यूरोप्रोटेक्टिव हो सकती है। 10,125 मस्तिष्क स्कैनों के विश्लेषण के बाद शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला कि मध्यम से तीव्र व्यायाम का उच्च स्तर मस्तिष्क के ग्रे और व्हाइट मैटर को बढ़ाने में सहायक है। इस प्रकार का निष्कर्ष पहले के उन अध्ययनों का समर्थन करता है, जो मस्तिष्क के आकार को बेहतर न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य का संकेत मानते हैं। अध्ययन के परिणाम बताते हैं कि नियमित शारीरिक गतिविधि संज्ञानात्मक गिरावट को रोकने और मस्तिष्क के स्वास्थ्य में सुधार करने में सहायक हो सकती है।