भारत जोड़ो यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है, राहुल गांधी ने संसद में दिए यात्रा पार्ट 2 के संकेत

रूमी ने कहा था कि जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं। आज मैं दिमाग से नहीं बोलना चाहता, आज मैं दिल से बोलूंगा। मैं आज आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा: राहुल गांधी

Updated: Aug 09, 2023, 02:23 PM IST

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव पर दूसरे दिन की बहस राहुल गांधी की स्पीच के साथ शुरू हुई। इस दौरान राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा पार्ट 2 के शुरू होने का भी संकेत दिया। राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में स्पीकर से कहा, 'सबसे पहले मैं आपका धन्यवाद करना चाहता हूं कि आपने मेरी सांसदी बहाल की। पिछली बार जब मैं बोला तो आपको थोड़ा कष्ट भी पहुंचाया। इतनी जोर से अडाणीजी पर फोकस किया कि जो आपके सीनियर नेता हैं, उन्हें थोड़ा कष्ट हुआ। जो कष्ट हुआ उसका असर शायद आप पर भी हुआ। इसके लिए माफी मांगता हूं। मैंने सिर्फ सच्चाई रखी थी।'

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'आज जो मेरे भाजपा के मित्र हैं। आज आपको डरने की जरूरत नहीं है। आज मैं अपना भाषण अडाणीजी पर नहीं बोलने जा रहा हूं। आप शांत रह सकते हैं। मेरा भाषण आज दूसरी डायरेक्शन में जा रहा है। रूमी ने कहा था कि जो शब्द दिल से आते हैं, वो शब्द दिल में जाते हैं। आज मैं दिमाग से नहीं बोलना चाहता, आज मैं दिल से बोलूंगा। मैं आज आप लोगों पर इतना आक्रमण नहीं करूंगा। एक-दो गोले जरूर मारूंगा। आप रिलेक्स कर सकते हैं।'

राहुल गांधी ने इस दौरान भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, 'पिछले साल 130 दिन के लिए मैं भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक गया। मैं अकेला नहीं था, बहुत सारे लोगों के साथ था। मैं समुद्र के तट से कश्मीर की बरफीली पहाड़ी तक चला। यात्रा अभी खत्म नहीं हुई है, यात्रा अभी जारी है, मैं लद्दाख भी जाऊंगा। बहुत सारे लोगों ने मुझसे पूछा कि राहुल गांधी तुम क्यों चल रहे हो। कन्याकुमारी से कश्मीर तक क्यों जा रहे हो। जब वह मुझसे शुरू में पूछते थे तो शुरुआत में मेरे मुंह से जवाब नहीं निकलता था। शायद मुझे ही नहीं मालूम था कि मैंने यह यात्रा क्यों शुरू की है।' 

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'जब मैंने कन्याकुमारी से यात्रा शुरू की तो मैंने सोचा था कि मैं हिंदुस्तान के लोगों के बीच जाना चाहता हूं। लेकिन पूरी तरह से मैं नहीं समझा था कि मैं क्यों लोगों के बीच जाना चाहता हूं। लेकिन थोड़ी ही देर बाद मुझे बात समझ में आ गई। जिस चीज के लिए 10 साल मैंने हर रोज गाली खाई। उसे मैं समझना चाहता था। जिस चीज से मुझे प्यार था, जिस जीच के लिए मैं मरने को तैयार हूं मैं मोदी जी की जेलों में जाने के लिए तैयार हूं। मैंने जिस चीज के लिए 10 साल गाली खाई कि वह आखिर है क्या जिसने मेरे दिल को इतनी मजबूती से पकड़ रखा था, उसे समझना चाहता था।'

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'शुरुआत में मैने जब शुरु किया, सालों से मैं हर रोज 8-10 किलोमीटर दौड़ता हूं। मेरे मन में था कि अगर 10 किलोमीटर दौड़ सकता हूं तो 25 किलोमीटर चलना कौन सी बात है, आज मैं समझता हूं कि यह मेरा अहंकार था, मगर भारत अहंकार को एकदम मिटा देता है, एक सेकेंड में मिटा देता है। जो-तीन दिन में ही मेरे घुटने में पुराने इंजरी से दर्द शुरु हो गया, हर कदम में दर्द हर रोज दर्द, पहले दो-तीन दिन में ही अहंकार था, वह खत्म हो गया। जो हिंदुस्तान को अहंकार से देखने निकला था, वह पूरा का पूरा अहंकार गायब हो गया। रोज मैं डरकर चलता था कि क्या मैं कल चल पाऊंगा।'