ब्लैक फंगस की दवा बनाने के लिए पांच कंपनियों को मिली मंजूरी, एंटी फंगस इंजेक्शन के उत्पादन में आएगी तेज़ी

ब्लैक फंगस के इंजेक्शन के लिए दर दर भटक रहे हैं लोग, जानलेवा बीमारी का शिकार होने वालों में 50 फीसदी से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत

Updated: May 21, 2021, 05:48 AM IST

Photo Courtesy: Amar Ujala
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नई दिल्ली। देश भर के विभिन्न हिस्सों में ब्लैक फंगस का कहर बढ़ रहा है। यह बीमारी अब जानलेवा रूप ले चुकी है। इंजेक्शन की कमी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने पांच कंपनियों को दवा बनाने की मंजूरी दे दी है। अब तक 6 फार्मा कंपनी इसकी दवा तैयार करने का काम कर रही थीं। लेकिन अब पांच अन्य कंपनियों को मंजूरी मिलने से इंजेक्शन के उत्पादन में तेज़ी आएगी। इसके साथ ही इस जानलेवा बीमारी से निपटने के प्रयासों को भी बढ़ाया जा सकेगा।

 उधर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देर सवेर जागते हुए राज्य सरकारों को इस जानलेवा बीमारी को महामारी घोषित करने की अपील की है। इसके साथ ही हर मामले की रिपोर्ट भी स्वास्थ्य मंत्रालय को सौंपने के लिए कहा है। 

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों को एपिडेमिक डिजीज एक्ट के तहत इस घातक बीमारी को महामारी घोषित करने का आग्रह किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे ब्लैक फंगस के संदिग्ध तथा हर कंफर्म मामले की रिपोर्ट दें।स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने दिशानिर्देश में इस बात का स्पष्ट तौर पर उल्लेख करते हुए कहा है कि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देश का सख्ती के साथ पालन करेंगे। 

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दूसरी तरफ ब्लैक फंगस के कहर ने अब तक बीमारी के चपेट में आने वाले आधे से ज़्यादा लोगों की जान ले ली है। ब्लैक फंगस का मृत्यु दर 50 फीसदी के आंकड़े को पार कर गया है। ब्लैक फंगस से निपटने के लिए ज़रूरी एंटी फंगस इंजेक्शन की कमी भी देखने को मिल रही है। एंफोटेरामाइसिन B इंजेक्शन को सरकारों ने अपने नियंत्रण में कर लिया है। जिस वजह से मरीजों के परिजन इंजेक्शन के लिए दर दर भटकते हुए दिखाई दे रहे हैं। 

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मध्यप्रदेश में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ब्लैक फंगस के 575 मरीज़ हैं। लेकिन अब तक प्रदेश को इंजेक्शन के 1200 वायल मिले हैं। एक मरीज़ को 40 वायल की ज़रूरत होती है। हालांकि मध्यप्रदेश सरकार 24 हज़ार वायल मंगवाने जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्री को पत्र भी लिखा है। लेकिन इसके बावजूद इंजेक्शन की वायल का यह आंकड़ा बेहद कम है।क्योंकि गुजरात में ब्लैक फंगस के 1200 मरीज़ हैं। लेकिन गुजरात ने करीब 1.24 लाख वायल का ऑर्डर दिया है। 

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देश की राजधानी दिल्ली में भी हालात बेकाबू हो चले हैं। देश की राजधानी दिल्ली में भी हालात बेकाबू हो चले हैं। इसलिए दिल्ली सरकार ने एक समिति का गठन किया है जो राजधानी के अस्पतालों में इंजेक्शन मुहैया कराएगी। इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों को पहले इस समिति को ई मेल के माध्यम से जानकारी देनी होगी। जिसके बाद तकनीकी विशेषज्ञों की यह समिति अस्पतालों को इंजेक्शन मुहैया कराएगी।