मध्यप्रदेश में भी शुरू हुआ ब्लैक फंगस का कहर, जबलपुर में ब्लैक फंगस से अब तक तीन लोगों की मौत

ब्लैक फंगस नाक से होते हुए आंख के जरिए इंसान के दिमाग तक पहुंचता था, इस बीमारी की चपेट में आने के बाद या तो मरीज़ की आंख निकालनी पड़ती है या फिर उसकी मौत हो जाती है

Publish: May 12, 2021, 03:19 AM IST

Photo Courtesy: Dainik Bhaskar
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जबलपुर। जानलेवा बीमारी ब्लैक फंगस के कहर का आगमन अब मध्यप्रदेश में हो गया है। ब्लैक फंगस ने अब जबलपुर के लोगों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। शहर में ब्लैक फंगस से अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है। इतना ही नहीं ब्लैक फंगस से पीड़ित 12 मरीजों का इलाज चल रहा है।

जबलपुर स्थित नेताजी सुभाष चन्द्र मेडिकल कॉलेज की एक विभागाध्यक्ष के हवाले से एक हिंदी अख़बार ने कहा है कि बीते सप्ताह में ब्लैक फंगस से कुल तीन मरीजों की जान गई है। यह सभी ब्लैक फंगस से पीड़ित थे। जबकि इस समय ब्लैक फंगस से पीड़ित 12 मरीजों का इलाज भी इसी अस्पताल में चल रहा है। वहीं ब्लैक फंगस पर काबू पाने के लिए ज़रूरी दवाओं की भी कालाबाजारी शुरू होने की खबरे हैं।

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ब्लैक फंगस को म्यूकोरमाइकोसिस भी कहा जाता है। यह बीमारी कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों के शरीर में घर करती है। इस बीमारी से सबसे अधिक खतरा डायबिटीज़ के मरीजों को होता है। ब्लैक फंगस सबसे पहले साइनस में पहुंचता है। साइनस और आंख के बीच हड्डी होने की वजह से इसे आंख तक पहुंचने में देरी लगती है लेकिन आंख और दिमाग के बीच हड्डी की गैर मौजूदगी के कारण यह बिना किसी देरी के इंसान के दिमाग तक पहुंच जाता है। 

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नतीजतन इंसान की आंख निकालने की नौबत आन पड़ती है। ब्लैक फंगस की मृत्यु दर भी भयभीत करने वाली है। इसकी चपेट में आने वाले लगभग 50 फीसदी लोगों की मृत्यु हो रही है। फिलहाल इसके सबसे ज़्यादा मामले गुजरात और महाराष्ट्र में देखने को मिल रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार ने इसका इलाज मुफ्त में करने का ऐलान किया है। अब इस बीमारी ने मध्यप्रदेश में भी प्रवेश कर लिया है। जिस वजह से लोगों के बीच भय का माहौल व्याप्त हो गया है।