बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठुकराई वानखेड़े के पिता की मांग, नवाब मलिक के सोशल मीडिया पर पोस्ट पर रोक से इनकार

बॉम्बे हाई कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई अब 20 दिसंबर को करेगा, कोर्ट ने कहा कि चूंकि समीर वानखेड़े सरकारी अधिकारी हैं, इसलिए उनके सार्वजनिक कर्तव्यों से जुड़े गतिविधियों को लेकर बयान देने से रोका नहीं जा सकता

Updated: Nov 23, 2021, 04:06 AM IST

मुंबई। एनसीबी के जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े के पिता की मांग को बॉम्बे हाई कोर्ट ने ठुकरा दिया है। वानखेड़े के पिता ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि की याचिका दायर की हुई है। सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने नवाब मलिक को वानखेड़े के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से रोकने को मांग को मानने से इनकार कर दिया। 

बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर पोस्ट करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है, इसलिए नवाब मलिक को ऐसा करने से नहीं रोका जा सकता। कोर्ट ने कहा कि समीर वानखेड़े एक सरकारी अधिकारी हैं। एनसीपी नेता द्वारा लगाए गए आरोप वानखेड़े के सार्वजनिक कर्तव्यों से जुड़े गतिविधियों से संबंधित हैं, इसलिए उन्हें कोई भी बयान देने से रोका नहीं जा सकता। 

हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि जो आरोप नवाब मलिक ने लगाए हैं, वो गलत हैं ऐसा इस समय नहीं कहा जा सकता। इसलिए उन्हें कोई बयान देने से रोकने की मांग जायज नहीं है। हालांकि कोर्ट ने एनसीपी नेता नवाब मलिक को कोई भी बयान देने या पोस्ट करने से पहले उसे पूरी तरह से वेरिफाई करने की सलाह दी।

नवाब मलिक के पिता ज्ञानदेव वानखेड़े ने इस महीने की शुरुआत में बॉम्बे हाई कोर्ट में नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। जिसमें उन्होंने नवाब मलिक को सोशल मीडिया पर अपमानजनक बयान देने से रोकने की मांग की थी। हाई कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई 20 दिसंबर को करेगा। कोर्ट द्वारा समीर वानखेड़े के पिता की मांग ठुकराने के बाद नवाब मलिक ने इसे सत्य की जीत बताया।