एक्टिविस्ट हर्ष मंदर के दफ्तर पर CBI का छापा, सांप्रदायिक वैमनस्य के खिलाफ रहे हैं मुखर आवाज

CBI की टीम ने समाजसेवी और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हर्ष मंदर के ऑफिस पर छापा मारा है। ये छापेमारी क्यों हो रही है इसे लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।

Updated: Feb 02, 2024, 03:56 PM IST

नई दिल्ली। रिटायर्ड IAS अधिकारी और समाजसेवी हर्ष मंदर के दफ्तर पर शुक्रवार को केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने छापा मारा है। ये छापेमारी क्यों की जा रही है इसे लेकर सीबीआई की ओर से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। हालांकि, कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि FCRA उल्लंघन मामले में कार्रवाई हो रही है।

हर्ष मंदर के दिल्ली स्थित ऑफिस पर ये छापा मारा है। एक्टिविस्ट हर्ष मंदर ने अमन बिरादरी नाम से एक गैर सरकारी संगठन (NGO) बनाया था। बताया जा रहा है कि हर्ष मंदर के इसी NGO की फॉरेन फंडिंग की जांच को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल ही CBI जांच शुरू की थी। इससे पहले साल 2021 में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में हर्ष मंदर के घर पर छापा मारा था। उनके दो NGO को लेकर ये जांच चल रही हैं।

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पूर्व प्रशासनिक अधिकारी हर्ष मंदर देश के जाने माने समाजसेवी हैं। वो भोजन का अधिकार, सूचना का अधिकार, बंधुआ मजदूर और आदिवासियों के अधिकारों के लिए सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। वो सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज के डायरेक्टर भी हैं। ये दिल्ली स्थित एक थिंक टैंक है। रिटायर्ड IAS अधिकारी हर्ष मंदर ने कई किताबें भी लिखी हैं। 

वह भारत में सांप्रदायिक वैमनस्य के खिलाफ अभियान में भी मुखर रहे हैं और देश में बहुसंख्यकवादी राजनीति को कथित रूप से हवा देने के लिए पिछले नौ वर्षों में मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते रहे हैं। ऐसे में कुछ लोगों का ये भी कहना है कि जानबूझकर उन्हें चुप कराने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।