तृणमूल को CBI, ED के नाम से धमका रही बीजेपी, क्या यह केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक इस्तेमाल नहीं

पश्चिम बंगाल बीजेपी के महासचिव ने कहा, तृणमूल कांग्रेस के हर नेता में वायरस है, जिसके लिए ED और CBI वैक्सीन तैयार कर रही हैं

Updated: Nov 24, 2020, 02:51 AM IST

Photo Courtesy : The Statesman
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कोलकाता। बीजेपी की पश्चिम बंगाल इकाई के महासचिव सायंतन बसु ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के हर नेता के भीतर मौजूद वायरस के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियां वैक्सीन का काम करेंगी। ईडी और सीबीआई उनके लिए वैक्सीन तैयार कर रही हैं। बीजेपी नेता के इस बयान ने ED और CBI जैसी केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक बदले के लिए किए जाने के आरोप को एक नया आधार दे दिया है। सवाल यह भी है कि क्या अब बीजेपी नेता खुलेआम अपने राजनीतिक विरोधियों को केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस्तेमाल करके फंसाने की, उन्हें सबक सिखाने की धमकी देने लगे हैं? 

बीजेपी के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने ईडी और सीबीआई के नाम की धमकी तृणमूल कांग्रेस के नेता अणुब्रत मंडल के उस बयान के जवाब में दी, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष को खतरनाक वायरस बता दिया था। खुद दिलीप घोष ने भी मंडल के इस बयान के जवाब में कहा कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस के दिन अब गिनती के रह गए हैं। केंद्रीय एजेंसियों ने अपना काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने अभी सिर्फ उनकी पूंछ पकड़ी है, जल्द ही सिर भी पकड़ा जाएगा, जिसके बाद तृणमूल के कई नेता चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच ऐसी विवादास्पद और आपत्तिजनक बयानबाज़ी कोई नई बात नहीं है। कुछ दिनों पहले ही दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को खुलेआम मंच से हत्या की धमकी देते हुए कहा था कि अगर उनके तौर-तरीके नहीं बदले तो उन्हें हाथ-पैर-सिर तोड़कर अस्पताल भेज देंगे और फिर भी नहीं माने तो जान से हाथ धोकर श्मशान जाना पड़ेगा। 

ऐसे बयानों के बावजूद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और महासचिव अब तृणमूल को जिस तरह खुलेआम ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का नाम लेकर धमकाने लगे हैं, वो हैरान करने वाला है। ये धमकी भरे बयान उस मानसिकता को भी दर्शाते हैं, जिसमें केंद्र की सत्ता पर काबिज पार्टी केंद्रीय जांच एजेंसियों को अपने राजनीतिक हथियार के तौर पर देखती हैं, जिसका इस्तेमाल करके वो अपने राजनीतिक विरोधियों को धूल चटा सकती है। ऐसे आरोप तो पहले भी लगते रहे हैं कि फिर भी बीजेपी के जिम्मेदार पदाधिकारियों का इस तरह खुलेआम केंद्रीय एजेंसियों के इस्तेमाल का एलान बीजेपी के विरोधी दलों के लिए एक और खतरे की घंटी है।