Arunachal Pradesh: चीन ने अरुणाचल प्रदेश को बताया अपना हिस्सा

India China Border: पांच लापता भारतीयों पर चीन की चुप्पी, चीन ने कहा- हमने कभी अरुणाचल को मान्यता नहीं दी

Updated: Sep 08, 2020, 09:12 PM IST

Photo Courtsey: Kashmir News
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नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव जारी है। इसी बीच चीन ने अब अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा कर दिया है। भारत के साथ दादागिरी करने पर उतारू हो चुके चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से जब पांच भारतीय नागरिकों के अपहरण मामले में पूछा गया तो उन्होंने इस बारे में जानकारी देने के बजाय अरुणाचल को चीन का हिस्सा बता दिया। बता दें कि बीते दिनों पांच भारतीय नागरिक लापता हो गए थे, कहा जा रहा है कि उन्हें चीन ने हिरासत में लिया है।

भारतीय सेना ने चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को इस कथित अपहरण के बारे में अवगत कराने के लिए हॉटलाइन पर संदेश भेजे हैं। चीनी सेना के समक्ष इस मुद्दे को उठाते हुए थलसेना की इकाई ने पूछा है कि क्या अरुणाचल प्रदेश से लापता हुए पांच भारतीय नागरिक उसकी हिरासत में हैं? यही सवाल जब चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लीजिन से पूछा गया तो उन्होंने भारतीय नागरिकों के बारे में जानकारी देने के बजाय अरुणाचल को ही अपना हिस्सा बता दिया।

लीजिन ने कहा कि, 'चीन ने कथित अरुणाचल प्रदेश को कभी मान्यता नहीं दी है। वह चीन के दक्षिणी तिब्बत का इलाका है। भारतीय सेना द्वारा हॉटलाइन पर भेजे गए पीएलए को संदेश के बारे में उन्होंने चीन के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स से कहा कि अभी हमारे पास इस बात की कोई जानकारी नहीं है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय सेना के लिए दुर्गम क्षेत्रों में समान ढुलाई का काम करने वाले पांच नागरिक लापता हैं। गांव वालों का दावा है कि ये लोग जंगल के क्षेत्र में गए थे जहां चीनी सेना ने उन्हें हिरासत में ले लिया है। लापता युवकों की पहचान टोच सिंगकम, प्रसात रिंगलिंग, डोंगटू एबिया, तनु बाकेर और गारू डिरी के रूप में हुई है।

राष्ट्रीय सुरक्षा से ज्यादा जरूरी निजी सुरक्षा है

मामले पर शिवसेना ने केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। शिवसेना के राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट कर कहा, 'चीन के हालिया बयानों से हमें विचलित नहीं होना चाहिए। फिलहाल केंद्र सरकार मुंबई और मुंबई पुलिस को गाली देने वालों को वाइ प्लस सुरक्षा मुहैया कराने में लगी हुई है। पैरामिलिट्री भी निजी सुरक्षा में अच्छी तरह से लगी हुई है और टीवी डिबेट्स भी। राष्ट्रीय सुरक्षा इंतज़ार कर सकती है।'