संसद द्वारा पारित किए गए कानून में अब नहीं होती स्पष्टता, स्वाधीनता दिवस के अवसर पर CJI ने व्यक्त किया खेद

सीजेआई रमन्ना ने कहा कि पहले संसद में किसी एक कानून को लेकर गहन चर्चा होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होता, जिस वजह से कोर्ट के लिए कानूनों की व्याख्या करना पेचीदा हो जाता है

Updated: Oct 28, 2021, 04:52 AM IST

नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना ने मौजूदा वक्त में संसद द्वारा पारित होने वाले कानूनों को लेकर खेद प्रकट किया है। सीजेआई रमन्ना ने कहा है कि वर्तमान समय में संसद द्वारा पारित कानूनों में कोई स्पष्टता नहीं होती। जिस वजह से कानून की व्याख्या करना अदालतों के लिए पेचीदा सिद्ध हो जाता है। 

सीजेआई रमन्ना ने संसद में गिरते डिबेट के स्तर और संसद द्वारा पारित किए जाने वाले कानूनों का एक साथ जिक्र किया। सीजेआई ने कहा कि पहले संसद कानूनों को पारित करने से पहले उनके ऊपर डिबेट और गहन चर्चा करती थी। जिस वजह से अदालतों के लिए कानूनों की व्याख्या करना आसान होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है, क्योंकि संसद में कानून पारित किए जाने से पहले चर्चा नहीं होती। 

सीजेआई ने कहा कि पहले हर कानून पर संसद में विस्तृत चर्चा होती थी। जिसके कारण कोर्ट पर कानूनों की व्याख्या करने का बोझ कम होता था, क्योंकि संसद में चर्चा होने से कानून को लेकर स्पष्टता आ जाती थी। लेकिन अब चर्चा न होने से कानूनों में कोई स्पष्टता नहीं होती। सीजेआई ने कहा कि कानूनों में स्पष्टता न होने के पीछे बड़ा कारण यह है कि अब अच्छे वकील सार्वजनिक जीवन में अपना योगदान देने के लिए सामने नहीं आते। 

सीजेआई रमन्ना ने यह बातें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा स्वाधीनता दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। सीजेआई ने कहा कि हमारा स्वतंत्रता संग्राम वकीलों द्वारा लड़ा गया था। महात्मा गांधी, सरदार पटेल, जवाहरलाल नेहरू, बाबू राजेंद्र प्रसाद सब वकील ही थे। इन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए न सिर्फ अपने पेशे को त्यागा, बल्कि अपने घर बार और जमीन तक त्याग दिए।

इसके साथ ही सीजेआई ने वकीलों से सामाजिक और सार्वजनिक जीवन में हिस्सा लेने की अपील की। सीजेआई ने कहा कि अपना ध्यान सिर्फ धन अर्जित करने और आसानी से जीवन व्यतीत करने में केंद्रित नहीं रखना चाहिए। सीजेआई ने वकीलों से कहा कि मैं यह उम्मीद करता हूं कि आप अपने ज्ञान का इस्तेमाल देश की बेहतरी में अपना योगदान देने के लिए करेंगे।