अहमद पटेल के निधन पर कांग्रेस कार्यालयों पर पार्टी का झंडा 3 दिन तक आधा झुका रहेगा

मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमल नाथ भोपाल में अपने सभी कार्यक्रम रद्द करके दिल्ली रवाना हो चुके हैं, कांग्रेस की प्रदेश इकाइयों ने श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित की शोकसभा

Updated: Nov 25, 2020, 10:17 PM IST

Photo Courtes : Twitter
Photo Courtes : Twitter

नई दिल्ली। कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल के निधन के बाद से ही न सिर्फ कांग्रेस बल्कि राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। इसी बीच कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि उसके दिवंगत नेता की याद में सभी कार्यालयों पर पार्टी का झंडा तीन दिनों तक झुका रहेगा। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी के सभी जिला व राज्य मुख्यालयों पर श्रद्धांजलि सभाएं भी आयोजित की जाएंगी।

अहमद पटेल का निधन अपूरणीय क्षति : एमपी कांग्रेस 
अहमद पटेल के निधन के बाद मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल स्थित एमपी कांग्रेस के मुख्यालय में अहमद पटेल की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। इस दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस के कई नेता मौजूद रहे। वहीं पीसी चीफ कमल नाथ अहमद पटेल के निधन की खबर सुनते ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। कमल नाथ ने भोपाल में पहले से तय अपने सभी कार्यक्रमों को निरस्त कर फ़ौरन दिल्ली चले गए।  

यह भी पढ़ें : महाराष्ट्र सरकार ने भी खो दिया अपना मार्गदर्शक, अहमद पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए बोले उद्धव ठाकरे

वहीं उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा, 'प्रदेश मुख्यालय पर वरिष्ठ नेता श्री अहमद पटेल जी की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुआ तथा उनके चित्र पर फ़ूल अर्पित कर श्रद्धांजलि व्यक्त किया। बेहद सौम्य, दूरदृष्टिता एवं जुझारूपन की पहचान रहे श्री अहमद पटेल जी का जाना कांग्रेस परिवार के लिए अपूर्णीय क्षति है।' 

यह भी पढ़ें : अहमद पटेल को उनके माता-पिता की कब्र के पास ही दफ़नाया जाएगा, गुजरात के उनके गांव में हो रही तैयारी

बता दें कि अहमद पटेल का बुधवार सुबह निधन हो गया। वे पिछले दो महीनों से बीमार चल रहे थे। अक्टूबर महीने में उन्हें कोरोना का संक्रमण भी हुआ था। अहमद पटेल के पार्थिव शरीर को गुजरात के भरुच ज़िले के पिरामण गाँव ले जाया जा रहा है। यह उनका पैतृक गाँव भी है। अहमद पटेल की अंतिम इच्छा थी कि मृत्यु के बाद उन्हें उनके माता पिता की कब्र के पास ही दफनाया जाए। लिहाज़ा उनकी मौत के बाद गम में डूबा हुआ उनका गाँव अपने नेता की अँटईम इच्छा पूरी करने की तैयारी कर रहा है।