कोरोना से भी ज्यादा है निपाह वायरस से होने वाली मृत्यु दर, ICMR ने दी चेतावनी

केरल के कोझिकोड में शुक्रवार निपाह वायरस के एक नए मामले की पुष्टि हुई, जिससे राज्य में अब संक्रमित लोगों की कुल संख्या छह हो गई है। पहले के दो मामले घातक रहे हैं।

Updated: Sep 16, 2023, 01:02 PM IST

नई दिल्ली। निपाह वायरस का खतरा हर गुजरते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से इससे पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है। जानकारों के अनुसार निपाह वायरस से पीड़ित लोगों में मृत्यु दर कोरोना वायरस से होने वाली मौतों से भी ज्यादा है। यानी की कोरोना की तुलना में जो लोग निपाह वायरस से पीड़ित हो रहे हैं उनकी मौत की आशंका कहीं ज्यादा है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के चीफ डॉक्टर राजीव बहल ने चेतावनी देते हुए कहा कि निपाह वायरस से होने वाली मौतों की दर कोरोना से भी ज्यादा है। डॉ. बहल के अनुसार, निपाह वायरस की मृत्यु दर 40-70 प्रतिशत के बीच है, जबकि कोविड की 2-3 प्रतिशत थी। ICMR ने केरल में निपाह वायरस के बार-बार फैलने और कोविड की तुलना में इसकी अधिक मृत्यु दर को देखते हुए, इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एक टीका बनाने का काम जल्द शुरू करने की बात कही है।

बता दें कि केरल के कोझिकोड में शुक्रवार निपाह वायरस के एक नए मामले की पुष्टि हुई, जिससे राज्य में अब संक्रमित लोगों की कुल संख्या छह हो गई है। पहले के दो मामले घातक रहे हैं। केरल में मामलों में वृद्धि के बीच, भारत ने ऑस्ट्रेलिया से निपाह वायरस संक्रमण के इलाज के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की 20 और खुराक देने को कहा है।

डॉ. बहल ने मीडिया से कहा कि हमें 2018 में ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी की कुछ खुराकें मिलीं। मौजूदा समय में हमारे पास सिर्फ इतनी ही दवा है जिससे हम 10 मरीजों का इलाज कर सकें। उन्होंने कहा कि भारत के बाहर निपाह वायरस से संक्रमित हुए 14 लोग मोनोक्लोनल एंटीबॉडी लेने के बाद पूरी तरह से ठीक हो गए हैं। दवा को सुरक्षित करने के लिए बाहर सिर्फ केवल चरण 1 का परीक्षण किया गया है। हालांकि, अभी तक प्रभावकारिता परीक्षण नहीं किया गया है।