दिल्ली हाईकोर्ट की खरी-खरी, देश की जनता को नहीं मिला कोरोना का टीका, हम दान कर रहे हैं

भारत में सभी लोगों का टीकाकरण हुए बिना वैक्सीन को दूसरे देशों को बेचने या दान देने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने उठाए सवाल, सरकार के साथ-साथ सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक से भी मांगा जवाब

Updated: Mar 04, 2021, 01:42 PM IST

Photo Courtesy: DNA India
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दिल्ली। देश में करोड़ों लोगों का टीकाकरण हुए बिना विदेशों को कोरोना वैक्सीन बेचने या दान करने के मुद्दे पर दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने पूछा है कि जब देश के नागरिकों को कोरोना वैक्सीन नहीं मिल पा रही है, तो हम दान करने में क्यों जुटे हैं।

कोर्ट ने देश की कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक से भी उनकी निर्माण क्षमता की जानकारी का खुलासा करने को कहा है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसा लगता है टीका बनाने वाली कंपनियां अपनी कुल उत्पादन क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं कर रही हैं। कोर्ट ने कहा कि सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक के पास पर्याप्त टीका उपलब्ध करवाने की क्षमता है। पर शायद वे उसका पूरी तरह से उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। हम कोरोना वैक्सीन का पूरी तरह से उपयोग नहीं कर रहे है।

कोर्ट ने टीकाकरण के लिए उम्र से लेकर बीमारियों तक, तरह-तरह की बंदिशें लगाए जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार से कहा है कि सरकार कोर्ट परिसरों में चिकित्सा केंद्रों का निरीक्षण करके बताए कि क्या कोर्ट कैंपस में कोरोना टीकाकरण सेंटर बनाए जा सकते हैं।  

दिल्ली हाइकोर्ट ने गुरुवार को एक याचिका की सुनवाई करते हुए ये बातें कहीं। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि कोरोना वैक्सीन कुछ देशों को दान में दी जा रही हैं, जबकि कई और देशों को इन्हें बेचा भी जा रहा है। ऐसा तब हो रहा है जबकि देश की अधिकांश जनता का वैक्सीनेशन अभी बाकी है। उन्होंने कहा कि कोरोना टीकाकरण का काम सबसे ज्यादा अर्जेंसी यानी तत्परता की भावना से किया जाना चाहिए। दिल्ली हाईकोर्ट में दिल्ली बार काउंसिल की तरफ से दायर इस याचिका की सुनवाई जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की बेंच ने की। 

दिल्ली बार काउंसिल की ओऱ से दाखिल याचिका में कोर्ट से जुड़े लोगों को भी फ्रंटलाइन वर्कर के तौर पर  टीकाकरण में प्राथमिकता देने की मांग की गई है। बार काउंसिल ने सभी जजों, अदालत के कर्मचारियों, वकीलों और न्याय प्रक्रिया से जुड़े सभी लोगों को फ्रंटलाइन वारियर यानी अग्रिम मोर्चे का योद्धा मानकर उनका प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किए जाने की मांग की है। 

देश में कोरोना वैक्सिनेशन का दूसरा फेज जारी है, जिसमें 60 साल से अधिक के बुजुर्गों और 45 साल से ज्यादा के गंभीर रोगियों को टीका लगाया जा रहा है। इससे पहले स्वास्थ्यकर्मियों, कोरोना वारियर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया था। जिसमें स्वास्थ्यकर्मी, डॉक्टर और पुलिस वाले शामिल थे।