दिशा की गिरफ़्तारी पर दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से मांगा जवाब

दिल्ली महिला आयोग ने दिशा रवि की गिरफ्तारी के दौरान प्रक्रियाओं का पालन नहीं किए जाने के आरोपों पर पर दिल्ली पुलिस से माँगा जवाब, यह भी पूछा कि दिशा को पसंदीदा वकील मुहैया क्यों नहीं कराया गया

Updated: Feb 16, 2021, 11:41 AM IST

Photo Courtesy : Deccan Herald
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बेंगलुरु/नई दिल्ली। पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के मामले में दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है। आयोग ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि क्या उसने दिशा रवि की गिरफ्तारी के दौरान सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया था? साथ ही आयोग ने दिशा के खिलाफ दर्ज एफआईआर की कॉपी भी मांगी है। महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस से यह भी पूछा है कि आखिर दिशा को दिल्ली लाने से पहले ट्रांजिट रिमांड के लिए बेंगलूरु की अदालत में पेश क्यों नहीं किया गया? 

मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात प्रमुखता से आ रही है कि दिशा रवि की गिरफ्तारी में दिल्ली पुलिस ने कानूनी प्रक्रियाओं का ठीक से पालन नहीं किया। हालांकि दिल्ली पुलिस के अधिकारी इन आरोपों का सार्वजनिक रूप से खंडन कर रहे हैं। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में आई जानकारी के मुताबिक दिशा को कोर्ट में पेश करने से पहले पसंदीदा वकील मुहैया नहीं कराया गया था, जबकि संविधान का अनुच्छेद 22(1) हर व्यक्ति को गिरफ्तार होने के बाद अपने पसंद का वकील रखने की आज़ादी देता है। 

दिशा के जान पहचान वालों ने कुछ मीडिया संस्थानों को यहां तक बताया है कि जब दिशा की गिरफ्तारी हो रही थी, उस समय पुलिस ने दिशा के माता पिता तक को यह नहीं बताया था कि आखिर को दिशा को कहां लेकर जा रही है। दिल्ली महिला आयोग ने इस पूरे घटनाक्रम पर दिल्ली पुलिस से उसकी भूमिका और कानूनी प्रक्रियाओं के पालन पर स्पष्टीकरण मांगा है। 

21 वर्षीय पर्यावरण एक्टिविस्ट दिशा रवि पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने स्वीडन की पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग द्वारा ट्वीट किए गए एक डॉक्युमेंट को एडिट करने का आरोप लगाया है। इस डॉक्युमेंट को टूलकिट कहकर प्रचारित किया जा रहा है। दिल्ली पुलिस ने दिशा को रविवार को दिल्ली में ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया था, जिसने उन्हें पांच दिन के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया था। 

इस बीच मीडिया में एक WhatsApp चैट का खूब प्रचार किया जा रहा है, जिसे कथित तौर पर ग्रेटा थनबर्ग और दिशा के बीच हुई बातचीत बताया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि इस चैट में दिशा ने ग्रेटा से कहा था कि उन्होंने टूलकिट नाम से सेव किया गया जो डॉक्युमेंट ट्विटर पर शेयर किया है, उसकी वजह से उनके खिलाफ UAPA जैसे कड़े कानून के तहत केस दर्ज हो सकता है। इसी आशंका के चलते दिशा ने ग्रेटा को वो ट्वीट हटाने के लिए कहा था।

हैरानी की बात यह है कि दिल्ली पुलिस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में दावा किया था कि दिशा ने अपने मोबाइल से व्हाट्सऐप ग्रुप्स और चैट समेत काफी डेटा डिलीट कर दिया है। फिर भला मीडिया के कई संस्थानों को दिशा और ग्रेटा के बीच व्हाट्सऐप पर हुई कथित बातचीत का ब्योरा कहां से मिल रहा है? और इसे कौन लीक कर रहा है?