लोकतंत्र की जड़ें गहरी और मजबूत हुईं, देश के नाम संबोधन में बोलीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आज आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं। उन्होंने अपना सब कुछ देश पर न्योछावर कर दिया, ताकि हम आजाद भारत में जी सकें।

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति पद संभालने के बाद यह पहला मौका था जब उन्होंने देश को संबोधित किया। अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 76 वें स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर देश-विदेश में रहने वाले सभी भारतीयों को मैं हार्दिक बधाई देती हूं। इस गौरवपूर्ण अवसर पर आपको संबोधित करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। एक स्वाधीन देश के रूप में भारत 75 साल पूरे कर रहा है।
राष्ट्रपति ने कहा कि, '15 अगस्त 1947 को हमने औपनिवेशिक शासन की बेड़ियों को काट दिया था। उस दिन हमने अपनी नियति तो नया रूप देने का फैसला किया था। आज आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं। उन्होंने अपना सब कुछ देश पर न्योछावर कर दिया ताकि हम आजाद भारत में जी सकें। आजादी के बाद हमारे लोकतंत्र की जड़ें गहरी और मजबूत हुई हैं।'
उन्होंने कहा, 'अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में महिलाओं को वोटिंग राइट्स हासिल करने के लिए लंबे समय तक संघर्ष करना पड़ा था, जबकि भारत ने गणतंत्र की शुरुआत से ही सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार को अपनाया। इससे शुरुआत से ही महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला। देश की बहुत सी उम्मीदें बेटियों पर टिकी हुई हैं। मौका मिलने पर वे शानदार सफलता हासिल कर सकती हैं। आज बेटियां फाइटर पायलट से लेकर स्पेस साइंटिस्ट तक हर काम में अपना परचम लहरा रही हैं।'
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि, 'भारत के नए आत्मविश्वास का स्रोत देश के युवा, किसान और सबसे बढ़कर देश की महिलाएं हैं। महिलाएं अनेक रूढ़ियों और बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ रही हैं। सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में उनकी बढ़ती भागीदारी निर्णायक साबित होगी। आज हमारी पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला प्रतिनिधियों की संख्या चौदह लाख से भी ज्यादा है।'
कोरोना के दौर की बात करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हमने देश में बनी वैक्सीन के साथ मानव इतिहास का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया। पिछले महीने हमने दो सौ करोड़ वैक्सीन कवरेज का आंकड़ा पार कर लिया है। महामारी का सामना करने में हमारी उपलब्धियां दुनिया के विकसित देशों से बेहतर रही हैं।