सार्वजनिक नहीं होंगे पोलिंग बूथ के फुटेज, कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया लोकतंत्र पर हमला
पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं: खड़गे
नई दिल्ली। देश में हुए हालिया विधानसभा चुनावों के बाद चुनाव आयोग की निष्पक्षता और EVM की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में है। इसी बीच वोटिंग नियमों में बदलाव को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ECI) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।
रविवार सुबह कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पोस्ट में उन्होंने कहा कि पहले मोदी सरकार ने CJI को चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से हटा दिया था और अब वे चुनावी जानकारी को जनता से छिपाना चाह रहे हैं। अब सरकार हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद चुनावी जानकारी को जनता से छिपाने में लगी है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब भी कांग्रेस ने इलेक्शन कमीशन को वोटर लिस्ट से नाम हटाए जाने और EVM में ट्रांसपेरेंसी के बारे में लिखा, तो ECI ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतों को भी स्वीकार नहीं किया।
दरअसल, केंद्र सरकार ने 20 दिसंबर को पोलिंग स्टेशन के CCTV, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक डॉक्यूमेंट्स को पब्लिक करने से रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।
अधिकारियों ने बताया कि AI के इस्तेमाल से पोलिंग स्टेशन के CCTV फुटेज से छेड़छाड़ करके फेक नरेटिव फैलाया जा सकता है। बदलाव के बाद भी ये कैंडिडेट्स के लिए उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे लेने के लिए कोर्ट जा सकते हैं।