वसुंधरा राजे से 15 साल में 15 बार भी नहीं हुई बात, सांठ गांठ के आरोप पर बोले अशोक गहलोत

राजस्थान की सियासत में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच टकराव बढ़ता जा रहा। हाल ही में पायलट ने गहलोत पर पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर एक कमेंट किया। जिस पर अब खुद सीएम गहलोत ने चुप्पी तोड़ी है।

Updated: May 14, 2023, 09:40 AM IST

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बीजेपी नेता वसुंधरा राजे से सांठगांठ के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीते 15 साल में उनकी वसुंधरा राजे से 15 बार भी बातचीत नहीं हुई। सीएम ने कहा कि उनके बीजेपी नेता से बातचीत वाले रिश्ते कभी नहीं रहे। लोग बेवजह कह रहे हैं क‍ि गहलोत और राजे मिले हुए हैं। गहलोत ने यह भी कहा कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करती है।

मुख्यमंत्री का यह बयान कांग्रेस नेता सचिन पायलट की पदयात्रा के बीच आया है। कांग्रेस नेता पायलट भ्रष्टाचार और राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने के खिलाफ अजमेर से जयपुर के बीच जनसंघर्ष पदयात्रा पर हैं। सीएम गहलोत ने बीते रविवार को धौलपुर में एक कार्यक्रम में दावा किया था कि 2020 में कांग्रेस के कुछ विधायकों की बगावत के बावजूद सरकार बच गई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बीजेपी नेता वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल ने धन बल के माध्यम से एक चुनी हुई सरकार को गिराने के षड्यंत्र का समर्थन करने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद वसुंधरा राजे ने शुक्रवार को कहा था क‍ि गहलोत की ओर से उनकी तारीफ सद्भावना नहीं, दुर्भावना से की गई टिप्पणी है। वहीं, अशोक गहलोत के धौलपुर में दिए गए बयान का जिक्र करते हुए फिर सचिन पायलट ने पलटवार किया था। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि 'ऐसा लगता है मुख्‍यमंत्री की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे सिंधिया हैं।’ पायलट के इस बयान पर अब सीएम गहलोत ने चुप्पी तोड़ी है।

अशोक गहलोत ने शनिवार को नागौर के कुचामन में कहा कि वसुंधरा राजे की सोच और मेरी सोच में रात दिन का फर्क है। मैंने कहा था कि मेरी सरकार बचाने में वसुंधरा राजे और कैलाश मेघवाल का सहयोग रहा। उसका लोगों ने गलत अर्थ लगा लिया। उन्‍होंने ऐसा बिल्कुल नहीं कहा कि वसुंधरा उनके साथ खड़ी हैं। गहलोत ने तत्कालीन मुख्‍यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के समय की एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय वह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष थे। उन्‍होंने शेखावत सरकार के खिलाफ तख्तापलट के प्रयास का विरोध किया था।

गहलोत के अनुसार, जब 2020 में उनके खिलाफ बगावत हुई तो वसुंधरा राजे ने भी ऐसा ही किया। गहलोत ने बताया कि वसुंधरा भी कह रहीं थी कि हमारे यहां ऐसी परंपरा नहीं रही है। इतनी सी बात थी। मैंने धौलपुर में इसका जिक्र कर दिया। मैंने सच्ची बात बताई जो मैंने सुनी थी। इसे इतना बढ़ा चढ़ाकर बताया गया कि वसुंधरा और गहलोत मिले हुए हैं। राजस्थान के सीएम ने आगे कहा, '15 साल में हमने 15 बार बात नहीं की होगी। हमारे बातचीत वाले रिश्‍ते नहीं हैं।’