दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूल में तब्दील न करने की मांग

दिग्विजय सिंह ने जवाहर नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूलों में तब्दील करने की मंशा पर उठाए सवाल, कहा, सरकार का यह कदम देश की शिक्षा व्यवस्था को नुक़सान पहुँचाएगा

Updated: Mar 17, 2021, 01:02 PM IST

Photo Courtesy : Oneindia
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नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने जवाहर नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूल में तब्दील करने के मोदी सरकार के इरादे पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार का यह कदम देश की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर देगा। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर कहा है कि सरकार के इस कदम की वजह से गरीब बच्चे शिक्षा का लाभ नहीं उठा पाएंगे, लिहाजा केंद्र सरकार ऐसा कोई कदम न उठाए।

दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री के नाम पत्र में लिखा है कि जवाहर नवोदय विद्यालय से पढ़ने वाले गरीब तबके के बच्चों ने बड़ी संख्या में देश का नाम रौशन किया है। इन विद्यालयों से पढ़कर निकले लोग देश के अच्छे नागरिक बने हैं और देश को आगे ले जाने में अपना योगदान दिया है। लेकिन अब नवोदय विद्यालयों को सैनिक स्कूलों में परिवर्तित करके पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनशिप) मोड में चलाने की तैयारी की जा रही है।  

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि सरकार सबसे पहले देश के पांच नवोदय विद्यालयों को पीपीपी मोड में चलाने की तैयारी कर रही है। इनमें मध्य प्रदेश के तीन नवोदय विद्यालय शामिल हैं। पहले चरण में मध्य प्रदेश के भोपाल, सीहोर, कटनी, छत्तीसगढ़ के रायपुर और ओडिशा के बालासोर ज़िले के नवोदय विद्यालयों को समाप्त करके सैनिक स्कूल बनाने की योजना है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि ऐसा होने पर इन स्कूलों के जो बच्चे एनडीए की परीक्षा नहीं देना चाहते, उन्हें भी परीक्षा देनी होगी।  

कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री से कहा है कि पीपीपी मोड में इन स्कूलों को संचालित करने का सीधा अर्थ यही है कि सरकार अब जवाहर नवोदय विद्यालयों को परोक्ष रूप से बेचना चाहती है। उन्होंने कहा है कि सरकार के इस कदम से गाँव के गरीब और आदिवासी बच्चे अच्छी शिक्षा से वंचित रह जाएंगे।

दो साल में केवल एक विद्यालय स्थापित कर पाई मोदी सरकार 
देश भर में इस समय कुल 661 जवाहर नवोदय विद्यालय संचालित हो रहे हैं। इन विद्यालयों की परिकल्पना पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गाँधी ने की थी। उन्होंने अपने कार्यकाल (1984-89) के दौरान ही जवाहर नवोदय विद्यालय की स्थापना की। 1986 में लायी गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तत्कालीन राजीव गांधी सरकार ने देश के ग्रामीण इलाकों में जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के गरीब और शिक्षा से वंचित बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराना था। 1985 से 1988 के बीच देश भर में 209 जवाहर नवोदय विद्यालय स्थापित किए गए। 2015 आते-आते देश भर में 598 नवोदय विद्यालय स्थापित हो गए। लेकिन पिछले दो वर्षों में (2018-20) मोदी सरकार ने केवल एक ही नवोदय विद्यालय स्थापित किया है।