आंध्र प्रदेश में रहस्यमय बीमारी की वजह का पता चला, मरीजों के खून में मिले लेड और निकेल

दिल्ली के AIIMS में हुई जांच के आधार पर वैज्ञानिकों ने आशंका ज़ाहिर की है कि लोगों के खून में लेड और निकेल जैसी धातुएं दूध और पानी के जरिए पहुंच रही हैं

Updated: Dec 09, 2020, 03:19 PM IST

Photo Courtesy: The Hindu
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नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश के एलुरु में फैली रहस्यमय बीमारी को लेकर दिल्ली एम्स ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। एम्स के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि रहस्यमय रूप से लोगों के बीमार होने की मुख्य वजह उनके खून में मिली लेड और निकेल जैसे धातुएं हैं। डॉक्टरों ने आशंका जाहिर की है कि ये धातुएं मरीजों के खून में दूध और पानी के माध्यम से पहुंची हैं।

एलुरु में फैली इस रहस्‍यमय बीमारी ने सबको हैरान दिया है। इस बीमारी के कारण अब तक एक व्‍यक्ति की मौत हुई है, साथ ही कम से कम 550 लोग इससे बीमार हुए हैं। इस बीमारी की जांच के लिए दिल्‍ली स्थित एम्‍स (AIIMS) के डॉक्‍टरों की टीम भी लगी हुई है। एम्स के डॉक्टरों ने मरीजों के खून की जांच की जिसमें कम से कम 10 मरीजों के खून में लेड और निकेल के अंश मिले हैं।

एम्‍स की प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया गया है कि एलुरु में शनिवार से अब तक कम से कम 550 लोग इस रहस्‍यमय बीमारी से ग्रस्‍त हो चुके हैं। हमने मरीजों के खून की जांच की है। उनकी जांच के नतीजों में संभावना जताई गई है कि लेड और निकेल धातु के कण मरीजों के शरीर में पानी या दूध के जरिये पहुंचे हैं। 

एलुरु के सरकारी अस्‍पताल के सुप्रिटेंडेंट डॉ. एवी मोहन ने इंडियन एक्‍स्रप्रेस को बताया कि उन लोगों की तरफ से दिल्‍ली एम्‍स को भेजे गए मरीजों के सैंपल साइज कम थे। लेकिन उनके नतीजों में मरीजों के खून में लेड और निकेल जैसी भारी धातुएं मिली हैं। हमने कुछ और सैंपल भी भेजे हैं, जिनके नतीजों का इंतजार है। डॉ मोहन ने बताया कि फिलहाल सिर्फ 84 लोगों का ही अस्‍पताल में इलाज चल रहा है और उन्‍हें भी जल्द ही छुट्टी मिल जाएगी। 

लोगों के शरीर में भारी धातुएं मिलने की बात सामने आने के बाद अब असल जिम्मेदारी आंध्र प्रदेश सरकार और एलुरू के स्थानीय प्रशासन की है। डॉक्टर और वैज्ञानिक तो बीमारी की वजह का पता लगाकर और मरीज़ों का इलाज़ करके अपना काम कर रहे हैं, लेकिन यह पता लगाना शासन-प्रशासन की ज़िम्मेदारी है कि आखिर लोगों को ऐसी भारी धातुओं वाले पानी और दूध की सप्लाई कहां से हो रही है? क्या यह किसी तरह की मिलावटखोरी का नतीजा है या फिर कहीं ऐसा तो नहीं कि उद्योगों का ज़हरीला कचरा बिना ट्रीटमेंट के कहीं बहाया जा रहा है? वजह जो भी हो, उसका पता लगाकर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि लोगों की सेहत और जान से खिलवाड़ करने की हिमाकत कोई न करे।