उत्तर प्रदेश उपचुनाव में कांग्रेस नहीं उतारेगी अपने उम्मीदवार, सपा को समर्थन देने का किया ऐलान
उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं।

उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सियासी गतिविधियां तेज हो गई हैं। इसी बीच, कांग्रेस ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य में होने वाले इन उपचुनावों में हिस्सा न लेने का ऐलान किया है। कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने गुरुवार को घोषणा की कि पार्टी किसी भी सीट पर अपना प्रत्याशी नहीं उतारेगी, बल्कि 'INDIA' गठबंधन के तहत समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवारों को समर्थन देगी। कांग्रेस के इस कदम से 'INDIA' गठबंधन की एकजुटता का संदेश दिया है। दोनों दलों ने मिलकर भाजपा के खिलाफ खड़े होने का संकल्प लिया हैं।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बुधवार रात 11.11 बजे X (ट्विटर) पर संदेश दिया कि उपचुनाव में सभी 9 सीटों पर 'INDIA' गठबंधन के प्रत्याशी सपा के चुनाव निशान 'साइकिल' के तहत चुनाव लड़ेंगे। इसके बाद गुरुवार सुबह अखिलेश ने राहुल गांधी का हाथ थामे हुए एक तस्वीर भी साझा की, जिसमें उन्होंने लिखा, "हमने ठाना है, संविधान, आरक्षण और सौहार्द बचाना है।" इस संदेश के जरिए उन्होंने गठबंधन के साझा उद्देश्यों पर जोर दिया और संकेत दिया कि यह चुनाव सिर्फ सीटों का नहीं, बल्कि विचारधारा और देश के भविष्य के लिए लड़ाई है।
गठबंधन के तहत कांग्रेस और सपा ने मिलकर भाजपा के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि उसके वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता सपा उम्मीदवारों के समर्थन में प्रचार करेंगे और उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए मैदान में उतरेंगे। पार्टी के प्रभारी अविनाश पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "देश के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए 'INDIA' गठबंधन का गठन किया गया है। यह केवल किसी संगठन या पार्टी का गठबंधन नहीं है, बल्कि लोकतंत्र, संविधान और सामाजिक न्याय की रक्षा के लिए एक मिशन है। हम इसी सोच के साथ उपचुनाव में सपा के उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे।"
इससे पहले, सपा ने गाजियाबाद और खैर विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की थी, जबकि 7 अन्य सीटों पर पहले ही प्रत्याशी तय कर लिए गए थे। इस तरह, गठबंधन के इस निर्णय के बाद अब यह साफ हो गया है कि उपचुनाव में सभी 9 सीटों पर सपा के उम्मीदवार ही मैदान में होंगे और कांग्रेस का पूरा समर्थन उनके साथ रहेगा।
अखिलेश यादव ने गठबंधन की मजबूती को रेखांकित करते हुए कहा, "यह चुनाव सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ा जा रहा है। कांग्रेस और सपा की संयुक्त ताकत भाजपा के खिलाफ एक मजबूत विकल्प प्रस्तुत करेगी, जो संविधान, आरक्षण और सामाजिक सौहार्द की सुरक्षा के लिए समर्पित है।"
इस निर्णय से उत्तर प्रदेश की सियासत में एक नया अध्याय खुलने की संभावना है, जहां विपक्षी दल एकजुट होकर राज्य में अपनी पकड़ मजबूत कर रहें हैं। उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे, जो यह तय करेंगे कि 'INDIA' गठबंधन को और मजबूती देंगे।