एक राष्ट्र एक चुनाव समिति की पहली बैठक खत्म, आगे के रोडमैप सहित इन बिंदुओं पर हुई चर्चा

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, सहित समिति के अन्य सदस्य और राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद सहित अन्य लोग शामिल हुए।

Publish: Sep 23, 2023, 09:14 PM IST

नई दिल्ली। एक राष्ट्र एक चुनाव समिति की पहली बैठक आज नई दिल्ली में हुई। केंद्र सरकार ने 2 सितंबर को लोकसभा और राज्यसभा के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर विचार करने के लिए आठ लोगों की समिति गठित की थी। इसकी पहली बैठक में एक राष्ट्र एक चुनाव के मुद्दे पर आगे का रोडमैप और कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। इस बैठक में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के अलावा सभी सदस्य शामिल हुए। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कमेटी में शामिल होने से मना कर दिया था।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस मीटिंग में पैनल के सदस्यों ने वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर गहन चर्चा की और इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए रणनीति बनाई। समिति सदस्यों ने यह निर्णय लिया है कि कोई भी राजनीतिक दल अपने सुझावों को लेकर समिति से मीटिंग के लिए समय मांग सकता है। समिति के सदस्यों में इस बात पर भी सहमति बनी कि देश के संविधान विशेषज्ञ और चुनाव आयोग और अन्य जानकारों से भी सुझाव लिए जाएं। 

दिल्ली में आयोजित इस में बैठक में वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर आगे के रोडमैप को लेकर भी चर्चा हुई। समिति की अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कर रहे हैं। दिल्ली में हुई पहली बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व नेता विपक्ष राज्यसभा गुलाम नबी आज़ाद, 15वें वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप, वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे, पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल हुए।

बता दें कि एक राष्ट्र एक चुनाव का विचार पिछले कुछ वर्षों से चर्चा में रहा है। केंद्र सरकार ने समिति गठन कर इस विचार को साकार रूप देने की पहल शुरू की। सत्तारूढ़ बीजेपी नेताओं का मानना है कि इस विचार के साकार होने से देश को बड़ा लाभ होगा। खासकर समय और धन की भारी बचत होगी। वहीं कांग्रेस समेत अन्य दलों का मानना है कि इस व्यवस्था के लागू होने से छोटे दलों को नुकसान होगा। लोकतांत्रिक देश में यह संभव नहीं है यह केवल भाजपा का छलावा है।