सरकार को फिल्म प्रमोशन से फुर्सत नहीं, कश्मीरी पंडितों की हत्या पर बरसे राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कश्मीर घाटी में लगातार हो रहे टारगेट किलिंग को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनको कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रचार से फुर्सत नहीं है

Updated: Jun 03, 2022, 03:48 AM IST

नई दिल्ली। कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों व अन्य हिंदुओं की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। आतंकी चुन चुन कर उनकी हत्या कर रहे हैं। 1 मई से अबतक यह तीसरी बार है किसी गैर-मुस्लिम सरकारी कर्मचारी को आतंकियों ने निशाना बनाया है। घाटी में बढ़ते टारगेट किलिंग को लेकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। 

राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा कि, 'बैंक मैनेजर, टीचर और कई मासूम लोग रोज़ मारे जा रहे हैं, कश्मीरी पंडित पलायन कर रहे हैं। जिनको इनकी सुरक्षा करनी है, उनको फिल्म के प्रमोशन से फुर्सत नहीं है। भाजपा ने कश्मीर को सिर्फ अपनी सत्ता की सीढ़ी बनाया है। कश्मीर में अमन कायम करने के लिए तुरंत कदम उठाइए, प्रधानमंत्री जी।'

दरअसल, कश्मीर घाटी के कुलगाम में गुरुवार को एक बैंक की शाखा में घुसकर आतंकियों ने मैनेजर विजय कुमार की हत्या कर दी। बीते तीन दिनों में किसी हिंदू की यह दूसरी हत्या थी। इससे पहले मंगलवार को स्कूल टीचर रजनी बाला का मर्डर आतंकियों ने कर दिया था। इन घटनाओं ने कश्मीरी पंडितों और प्रवासी लोगों में खौफ पैदा कर दिया है। इस बीची कश्मीरी पंडितों ने शुक्रवार से बड़ी संख्या में पलायन करने का फैसला लिया है। 

राहुल गांधी ने एक वीडियो भी साझा किया है। अनंतनाग के माटन तहसील के इस वीडियो में भारी संख्या में कश्मीरी हिंदू परिवार बैग पैक करके जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में कहा जा रहा है कि कश्मीर में हो रही हत्याओं से सामूहिक पलायन शुरू हो गया है। पलायन की खबरें सामने आने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने NSA अजीत डोभाल के साथ बैठक की है।

बता दें कि राहुल गांधी ने बुधवार को भी राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर बीजेप को घेरा था। उन्होंने कहा था कि कश्मीर में पिछले 5 महीनों में 15 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और 18 नागरिकों की हत्या कर दी गयी। कल भी एक शिक्षिका की हत्या कर दी गयी। 18 दिनों से कश्मीरी पंडित धरने पर हैं लेकिन भाजपा 8 साल का जश्न मनाने में व्यस्त है। प्रधानमंत्री जी, ये कोई फिल्म नहीं, आज कश्मीर की सच्चाई है।

दरअसल, बीते दिनों विवादास्पद फिल्म कश्मीर फाइल्स का केंद्र और राज्य शासित सरकारों ने जोरशोर से प्रचार प्रसार किया था। जबकि इस फिल्म में तथ्यों के साथ काफी छेड़छाड़ किए गए थे। फिल्म आने के बाद कहा जाने लगा की अब कश्मीरी पंडितों के साथ न्याय हुआ है। हालांकि, स्थिति ये है की कश्मीरी पंडितों की स्थिति पहले से भी ज्यादा चिंताजनक हो गई है।