गुजरात में आईआईटी के 900 से ज्यादा छात्रों को लगाया गया कोरोना का टीका, सभी के उम्र 45 से कम

गुजरात की राजधानी गांधीनगर स्थित आईआईटी में केंद्रीय दिशानिर्देशों की सरेआम उड़ाई गई धज्जियां, 900 से ज्यादा छात्रों को दिया गया कोविशिल्ड का टीका

Updated: Apr 10, 2021, 04:20 AM IST

Photo Courtesy: Cleveland Clinic
Photo Courtesy: Cleveland Clinic

गांधीनगर। कोरोना वैक्सीन को लेकर केंद्र और राज्यों में टकराव की स्थिति है। इसी बीच पीएम मोदी के गृहराज्य गुजरात से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। राजधानी गांधीनगर स्थित आईआईटी के 900 से ज्यादा छात्रों को हैरतअंगेज तरीके से कोरोना का टीका लगाया गया है। जाहिर है इन छात्रों में सभी की उम्र 45 वर्ष से कम है। गुजरात में केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का खुला उल्लंघन क्यों और किसके कहने पर किया गया इस बात की जानकारी सामने नहीं आई है।

अंग्रेजी न्यूज़ वेबसाइट स्क्रॉल डॉट इन मे छपी रिपोर्ट के मुताबिक आईआईटी गांधीनगर में 30 मार्च से 2 अप्रैल के बीच दो आधिकारिक मेल भेजे गए थे। इसमें बाकायदा बताया गया था कि वैक्सीन कोविशिल्ड जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और ऑस्ट्रेजेनेका के द्वारा डेवलप की गई है वही होगी। नाम न छापने की शर्त पर एक शख्स ने स्क्रॉल को बताया कि इस दौरान परिसर के बाहरी लोगों को भी टीके दिए गए। उन्होंने बताया कि करीब 940 छात्रों, 250 फैकल्टी मेंबर्स व स्टाफ सहित अन्य लोगों को टीके दिए गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक आईआईटी संस्थान को गांधीनगर नगर निगम की ओर से कोविशिल्ड वैक्सीन मुहैया कराई गई थी। हालांकि इस संबंध में गांधीनगर प्रशासन और नगर निगम के अधिकारियों की ओर से कोई बयान नहीं आया है। मीडिया ने जब आईआईटी प्रबंधन से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने भी व्यस्तताओं का हवाला देते हुए कोई भी जवाब देने से इनकार कर दिया।

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एक ओर देश के कई राज्यों (महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, आंध्रप्रदेश) से कोरोना टीके की घोर किल्लत की खबरें सामने आ रही हैं, तो दूसरी ओर बीजेपी शासित गुजरात में 45 से कम उम्र के लोगों को भी धड़ल्ले से टीके लगाने के मामले सामने आ रहे हैं। इसके पहले केंद्र पर आरोप लगे थे कि सरकार पक्षपात करते हुए गुजरात जैसे बीजेपी शासित राज्यों को कम आबादी के बावजूद ज्यादा टीका मुहैया करवा रही है। 

गुजरात में कोरोना संबंधित लापरवाही नई बात नहीं

बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है जब गुजरात में कोरोना संबंधित लापरवाही सामने आई है। गुजरात में अक्सर इस तरह के अजीबोगरीब मामले सामने आ रहे हैं। इसके पहले सूरत में कुछ लोगों को बिना वैक्सीन दिए ही वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट दे दिया गया था। वहीं राजकोट में तो कोरोना टेस्टिंग की संख्या ज्यादा दिखाने के लिए लैब में खाली टेस्टकिट ही भेजे ज रहे थे ताकि रिपोर्ट निगेटिव आए। इस दौरान इन भी के फर्जी नाम, पता और मोबाइल नंबर भी डाले गए।