हरियाणा के बीजेपी नेता संपत सिंह का किसानों को समर्थन, MSP के लिए कानून बनाने की मांग
संपत सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन को राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, यह पूरी तरह गैर राजनीतिक आंदोलन है

नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री और बीजेपी नेता संपत सिंह भी किसान आंदोलन के समर्थन में उतर आए हैं। संपत सिंह ने कहा है कि सरकार को एमएसपी को कानूनी रूप देना चाहिए। और जल्द से जल्द किसानों की बात मानकर इन तीनों कानूनों को रद्द कर देना चाहिए। संपत सिंह ने यह बातें अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से कही हैं।
सरकार एमएसपी को कानूनी रूप दे : संपत सिंह
संपत सिंह ने कहा कि जब केंद्र सरकार बार बार किसानों को एमएसपी के जारी रहने को लेकर आश्वासन दे रही है, तो आखिर इसे कानूनी रूप क्यों नहीं दे रही है? एमएसपी के लिए अगर कानून बना दिया जाए तो सरकार को इससे क्या दिक्कत होगी ? सरकार किसानों को एमएसपी जारी रखने का आश्वासन तो दे ही रही है, अगर इसके लिए कानून बना दिया जाएगा तो किसान बिना किसी परेशानी के अपनी फसल बेच सकेंगे।
यह भी पढ़ें : किसानों का एलान, माँगे नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को दिल्ली में होगी परेड
किसान आंदोलन के लिए विपक्ष को ज़िम्मेदार ठहराना मूर्खतापूर्ण: संपत सिंह
बीजेपी नेता संपत सिंह ने कहा है कि किसान आंदोलन को किसी राजनीति से जोड़ना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन को राजनीति से जोड़कर किसानों का अपमान किया जा रहा है। किसान आंदोलन पूर्ण रूप से एक गैर राजनीतिक आंदोलन है। किसान कड़ाके की ठण्ड में अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। इस समय किसी भी राजनीतिक दल में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे किसानों को उकसा सकें। लिहाज़ा इस आंदोलन के लिए विपक्षी दलों को ज़िम्मेदार ठहराना बिल्कुल ही मूर्खतापूर्ण है।
यह भी पढ़ें : दिल्ली की तरफ मार्च कर रहे थे किसान, हरियाणा पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
इस समय सरकार को और किसान नेताओं के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में बातचीत जारी है। पिछली बैठक में सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न करने और नए बिजली बिल के बारा में किसानों की बातें मान ली है। लेकिन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी देने के मसले पर मतभेद बना हुआ है। किसान संगठन एलान कर चुके हैं कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानी तो 23 जनवरी को सभी राज्यों में मार्च निकालने के साथ साथ 26 जनवरी को दिल्ली में किसान परेड भी करेंगे। इसके अलावा 6 जनवरी को भी ट्रैक्टर जुलूस भी निकाला जाएगा।