कितना गुमराह करेंगे... प्रत्येक विशेष सत्र एजेंडा पहले से ही पता होता था, संसदीय कार्य मंत्री कर बरसी कांग्रेस

प्रत्येक विशेष सत्र/बैठक का एजेंडा पहले से ही पता होता था। यह सिर्फ़ मोदी सरकार ही है जो लगातार संसद का अपमान कर रही है और संसदीय परंपराओं को विकृत कर रही है: जयराम रमेश

Updated: Sep 07, 2023, 10:02 AM IST

नई दिल्ली। बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने को लेकर सियासी रस्साकस्सी तेज हो गई है। सोनिया गांधी ने इस संबंध में पीएम मोदी को पत्र लिखकर इसे संसदीय परंपराओं के विरुद्ध बताया था। इसपर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी के कहा कि विशेष सत्र नियम के तहत ही बुलाए गए हैं। अब कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने जोशी पर गुमराह करने का आरोप लगाया है।

जयराम रमेश ने ट्वीट किया, 'कितना गुमराह करेंगे जोशी-जी? प्रत्येक विशेष सत्र/बैठक का एजेंडा पहले से ही पता होता था। यह सिर्फ़ मोदी सरकार ही है जो लगातार संसद का अपमान कर रही है और संसदीय परंपराओं को विकृत कर रही है। पिछली सरकारों ने — इसमें आपकी सरकार भी शामिल हैं — संविधान दिवस, भारत छोड़ो आंदोलन और ऐसे अन्य अवसरों के लिए कई विशेष बैठकें बुलाई हैं।'

जयराम रमेश ने अबतक हुए विशेष सत्रों और बैठकों की सूची भी जारी की है।

* 30 जून, 2017 - GST लागू करने के लिए आधी रात को सेंट्रल हॉल में एक संयुक्त विशेष सत्र।

* वामपंथी पार्टियों द्वारा UPA-1 सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद विश्वास मत के लिए जुलाई 2008 में लोकसभा का विशेष सत्र बुलाया गया था।

 * भारत की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए 26 अगस्त, 1997 से 1 सितंबर, 1997 तक एक विशेष सत्र बुलाया गया था।

इससे पहले, ऐसे दो मौके भी थे जब लोकसभा भंग होने पर उच्च सदन की बैठक विशेष सत्र के लिए हुई थी:-

* अनुच्छेद 356(3) के प्रावधान के तहत हरियाणा में राष्ट्रपति शासन की मंजूरी के लिए 3 जून 1991 से दो दिनों के लिए विशेष सत्र (158वां सत्र) आयोजित किया गया था।

* अनुच्छेद 356(4) के दूसरे प्रावधान के तहत तमिलनाडु और नागालैंड में राष्ट्रपति शासन के विस्तार के लिए फ़रवरी 1977 में दो दिनों के लिए राज्यसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया था।

 ये रही विशेष बैठकों की सूची:

नवंबर, 2019 को पहले से चल रहे शीतकालीन सत्र के बीच संविधान की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सेंट्रल हॉल में दोपहर से पहले विशेष बैठक।

* 9 अगस्त, 2017 - पहले से चल रहे मानसून सत्र के बीच, भारत छोड़ो आंदोलन की 75वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष बैठक।

* 26 और 27 नवंबर, 2015 - संविधान दिवस मनाने के लिए विशेष बैठक।

* 13 मई 2012 - पहले से जारी बजट सत्र के दौरान राज्यसभा और लोकसभा की पहली बैठक की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए विशेष बैठक।

इसके पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, 'परंपराओं का पालन करते हुए ही संसद के विशेष सत्र को बुलाया गया है, शायद आपका परंपराओं की ओर ध्यान नहीं है. संसद सत्र बुलाने से पहले ना कभी राजनीतिक दलों से चर्चा की जाती है और न कभी मुद्दों पर चर्चा की जाती है. महामहिम राष्ट्रपति के सत्र बुलाने के बाद और सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के नेताओं की बैठक होती है, जिसमें संसद में उठने वाले मुद्दों और कामकाज पर चर्चा होती है।'