पाकिस्तान के निशाने पर NSA अजित डोभाल, जैश के गिरफ्तार आतंकी ने किया साज़िश का खुलासा

बीते 6 फरवरी को गिरफ्तार किए गए जैश के आतंकी ने बताया कि उसने डोभाल के ऑफिस की रेकी की थी और उसके वीडियो पाकिस्तान को भेज दिए थे, डोभाल की और भी कड़ी कर दी गई है

Updated: Feb 13, 2021, 05:08 AM IST

Photo Courtesy: Punjab kesari
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नई दिल्ली। पाकिस्तानी आतंकवादियों के निशाने पर देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल हैं। इस बड़ी साजिश का खुलासा बीते दिनों पकड़े गए जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकी से पूछताछ के दौरान हुआ है। गिरफ्तार आतंकी ने बताया कि उसे डोभाल के ऑफिस के बाहर रेकी करने भेजा गया था। उसने अपने पाकिस्तानी आकाओं को वीडियो बनाकर भी भेजे हैं। मामले का खुलासा होने के बाद डोभाल की सुरक्षा और भी सख्त कर दी गई है। 

रिपोर्ट्स के मुताबिक जैश के आतंकी हिदायत-उल्लाह मलिक को बीते 6 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था। वो जैश ए मोहम्मद से जुड़े आतंकी संगठन लश्कर-ए-मुस्तफा का प्रमुख है। उसे जब अनंतनाग में गिरफ्तार किया गया था तब उसके पास से हथियार और गोला बारूद बरामद किए गए थे। कश्मीर के शोपियां के रहने वाले मलिक से पूछताछ के दौरान अजीत डोभाल के कार्यालय की जासूसी वाले वीडियो के बारे में जानकारी सामने आई है। 

हिदायत मलिक ने पूछताछ के दौरान बताया कि वो 24 मई 2019 को वो इंडिगो की फ्लाइट से श्रीनगर से नई दिल्ली आया था। दिल्ली में उसने एनएसए अजीत डोभाल के कार्यालय और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के सुरक्षा बंदोबस्त का एक जासूसी वाला वीडियो रिकॉर्ड किया। उसने एनएसए के दफ्तर की रेकी करने के बाद रिकॉर्ड किया गया यह वीडियो व्हाट्सऐप के जरिए अपने पाकिस्तान स्थित हैंडलर को भेज भी दिया है। इसके बाद मलिक बस में बैठकर कश्मीर वापस लौट गया।

मलिक ने हैंडलर सहित पाकिस्तान में अपने 10 संपर्कों के नामों, कोड नाम और फोन नंबरों का भी खुलासा किया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा एजेंसियों को इससे संबंधित ब्योरा उपलब्ध करा दिया है। जैश ऑपरेटर मलिक के दो कॉन्टेक्ट बाद में शोपियां और सोपोर में मारे भी गए हैं। मलिक ने यह भी खुलासा किया कि मई 2020 में एक आत्मघाती हमले के लिए उसने आतंकियों को एक हुंडई सैंट्रो कार भी दी थी।

माना जा रहा है कि डोभाल 2016 में उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद से ही पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी समूहों के निशाने पर हैं। इतना ही नहीं डोभाल और जैश प्रमुख मसूद अजहर की दुश्मनी भी काफी पुरानी है। 1994 में भारत में अजहर की गिरफ्तारी के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो के संयुक्त डायरेक्टर के तौर पर डोभाल ने आतंकी मसूद से पूछताछ की थी। हालांकि बाद में डोभाल ने ही उसे साल 1999 में बीजेपी सरकार के कार्यकाल में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट आईसी 814 हाइजैक होने के बाद कांधार एयरपोर्ट पर भी पहुंचाया था।