दुनिया के 40 देशों में फैला कोरोना का JN.1 वैरिएंट, भारत में अबतक 21 केस मिले

देश में नया कोरोना वैरिएंट JN.1 अब तक 3 राज्‍यों में फैल चुका है और इसके 21 केस मिल गए हैं। इस बीच नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ वीके पॉल ने बुधवार को कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है।

Updated: Dec 21, 2023, 09:58 AM IST

नई दिल्ली। कोरोना का नया सब-वैरिएंट JN.1 दुनियाभर में तेजी से पांव पसार रहा है। यह अब तक दुनिया के 40 देशों में फैल चुका है। भारत में अब तक इसके 21 केस सामने आ चुके हैं। गोवा, केरल और महाराष्ट्र में इस नए कोरोना वायरस वैरिएंट के मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे अधिक गोवा में अब तक कोविड सब-वेरिएंट JN.1 के 19 मामले सामने आए हैं, जबकि केरल और महाराष्ट्र में एक-एक मामले का पता चला है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में कोरोना के करीब 2300 एक्टिव मामले हैं। इनमें 91- 92% लोग घरों में ही इलाज करवा रहे हैं। नए वैरिएंट वाले मरीजों में वायरस के लक्षण काफी हल्के हैं। हालांकि, घबराने वाली कोई बात नहीं है। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बुधवार को बताया कि पिछले दो हफ्ते के दौरान भारत में कोरोना से 16 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, इनमें अधिकतर लोग डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम जैसी दूसरी बीमारियों से भी जूझ रहे थे। डॉ पॉल ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। उन्‍होंने कहा कि सतर्कता जरूरी है। 

इससे पहले केंद्र सरकार और कुछ राज्‍य सरकारों ने कोरोना को लेकर एडवाइजरी जारी की थी। इसमें कहा गया था कि बच्‍चे, गर्भवती महिलाएं, बुजुर्ग और लंबे समय से बीमार लोगों को भीड़- भाड़ से बचना चाहिए। ऐसे लोगों को मास्‍क लगाने को कहा गया था। लोगों को सलाह दी गई थी कि वे पर्याप्‍त हवादार जगहों पर ही रहें। WHO ने भी सावधानी के तौर पर एडवाइजरी जारी की है। इसमें लोगों को भीड़ वाले, बंद या दूषित हवा वाले इलाकों में मास्क पहनने की सलाह दी गई है। 

आईसीएमआर के कोविड टास्‍क फोर्स के चेयरमेन रहे और अब भारत के नेशनल टैक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्‍यूनाइजेशन (NTAGI) के चीफ डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा कि पैनिक करने की बिल्‍कुल जरूरत नहीं है। यह सामान्‍य वैरिएंट है। यह खतरनाक नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना का ये नया वेरिएंट खतरनाक नहीं है लेकिन सर्दी, जुकाम, वायरल में जैसे सावधानियां बरतते हैं और परिवार में एक के होने पर दूसरे लोग इसकी चपेट में न आएं, ऐसे बचाव करते हैं, वैसे करते रहें। हाथों को साबुन से धोएं, भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्‍क पहनें।

कोविड के सब-वैरिएंट JN.1 की पहचान पहली बार यूरोपीय देश लक्जमबर्ग में हुई थी। यहां से यह तमाम देशों में फैलना शुरू हो गया। यह सब-वैरिएंट पिरोलो वैरिएंट (बीए.2.86) से जुड़ा हुआ है। इसे इंसानी शरीर की इम्यूनिटी के खिलाफ खतरनाक बताया जा रहा है। यही वजह है कि नए सब-वैरिएंट को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।