कपड़े धोने की सजा देने वाले जज साहब अब नहीं सुना पाएंगे कोई फैसला, न्यायिक कार्य करने पर लगी रोक

घर में घुसकर महिला के साथ दुष्कर्म का प्रयास करने के आरोपी को जज साहब ने 6 महीने तक गांव की महिलाओं के कपड़े धोने और इस्त्री करने की दी थी सजा, नाली साफ करने से लेकर दूध पहुंचाने की भी दे चुके हैं सजा

Updated: Sep 25, 2021, 12:40 PM IST

Photo Courtesy : HT
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पटना। पटना हाईकोर्ट ने एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के जज के न्यायिक कार्य पर रोक लगा दी है। दरअसल, उच्च न्यायालय ने जिस जज के खिलाफ कार्रवाई की है वह अपने उटपटांग आदेशों के लिए सुर्खियों में रहे हैं। जज साहब ने घर में घुसकर एक महिला के साथ दुष्कर्म करने के प्रयास का आरोपी ललन कुमार को गांव के सभी महिलाओं के कपड़े 6 महीने तक मुफ्त में धोने और इस्त्री करने की सजा दी थी।

हाईकोर्ट सूत्रों के मुताबिक एक प्रशासनिक आदेश के तहत मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल में एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जस्टिस के रूप में पदस्थ अविनाश कुमार को प्रतिबंधित कर दिया है। यानी अगले आदेश तक अविनाश कुमार कोई भी न्यायिक कार्य नहीं कर सकेंगे। 

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बता दें कि अविनाश कुमार के अजीबोगरीब फैसलों की फेहरिस्त काफी लंबी है। मसलन बीते 10 सितंबर चाकू से जानलेवा हमला करने के आरोपी मछली मोहम्मद सज्जाद को जज साहब ने एक कुत्ता पालने तथा 5 स्ट्रीट डॉग्स को 45 दिनों तक भरपेट भोजन कराने की सजा दी थी। 1 सितंबर को उन्होंने नाली बहाने को लेकर हुए विवाद और मारपीट के आरोपी को मोहल्ले की सभी नालियों को साफ करने का सजा दिया था।

अविनाश कुमार ने 8 सितंबर को रंगदारी के एक मामले में आरोपी शिवजी मिश्रा व अशोक मिश्रा को गांव के पांच दलित परिवार के कुपोषित बच्चों को प्रतिदिन 6 महीने तक आधा लीटर दूध पिलाने की सजा दी थी। ऐसे ही लूटपाट के एक मामले में 28 अगस्त को जज साहब ने आरोपी को पांच गरीब परिवार की महिलाओं अथवा लड़कियों को साक्षर बनाने की सजा दी थी।