जूही चावला ने भारत में 5जी टेक्नोलॉजी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की याचिका

एक्ट्रेस जूही चावला ने 5G टेक्नॉलजी को लेकर जताई चिंता, कहा नई तकनीक लागू करने से पहले देश में इसके बारे में बारीकी से अध्ययन जरूरी, उन्होंने मांग की है कि हर उम्र के इंसानों, पशु-पक्षियों और पर्यावरण पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव की हो स्टडी

Updated: May 31, 2021, 10:36 AM IST

Photo courtesy: National Herald
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दिल्ली। देश में 5G टेक्नोलॉजी को मजूंरी मिलने के बाद अब इसकी खिलाफत शुरू हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट में जानीमानी बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला ने एक याचिका दायर की है। उन्होंने इस तकनीक से लोगों और पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव पर चिंता जताई है। उनकी मांग है कि इसे लागी करने से पहले लोगों की सेहत पर इस रेडियो फ्रिक्वेंसी के अच्छे या बुरे प्रभावों का विश्लेषण किए बगैर इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।

दायर याचिका में जूही चावला की मांग है कि 5G टेक्नोलॉजी लागू करने से पहले इससे जुड़े सभी स्टडीज पर बारीकी से गौर किया जाए। पूरी रिसर्च के बाद ही 5G टेक्नोलॉजी देश में लागू हो। जूही की याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय जनता के साथ-साथ, सभी जीव-जंतुओं, पर्यावरण और वनस्पती पर इसके प्रभावों का गहन अध्ययन करे। फिर उन रिपोर्ट्स के आधार पर भी देश में इसे लागू करने और नहीं करने को लेकर कोई फैसला किया जाए।

जूही ने साफ किया है कि 'हम एडवांस तकनीक के विरोध में नहीं हैं। हम लेटेस्ट प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना काफी एंजॉय करते हैं जो हमे बेहतर टेक्नोलॉजी देते हैं। वायरलेस के फील्ड में भी। हालांकि, हम इस परेशानी में भी हैं कि वायरफ्री गैजेट्स और नेटवर्क सेल टावर्स से संबंधित हमारी खुद की रीसर्च और अध्ययन से ये पुख्ता तौर पर पता चलता है कि इस तरह की रेडिएशन लोगों के स्वास्थ्य और उनकी सुरक्षा के लिए बेहद हानिकारक है।'

जूही चावला के प्रवक्ता ने कहा है कि 5G टेक्नोलॉजी लागू होने से पहले सभी उम्र के महिला, पुरुषों, व्यस्कों, बच्चों, शिशुओं, जानवरों, जीव-जंतुओं, वनस्पतियों और पर्यावरण पर होने वाले असर का अच्छे से अध्ययन हो। इस रिसर्च के बारे में की गई या भविष्य में होने वाली सभी रिपोर्ट्स को सार्वजनिक की जाएं। याचिका के जरिए पूछा गया है कि क्या 5G टेक्नोलॉजी भारत की मौजूदा और आनेवाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित है या नहीं और फिर इसके बाद ही इसे लागू करने को लेकर विचार किया जाना चाहिए।

जूही चावला पर्यावरण संरक्षण और मोबाइल से होने वाले घातक रेडिएशन को लेकर लगातार लोगों को जागरुक करने का काम करती है। इससे पहले भी कई बारे घातक रेडिएशन को लेकर जूही चावला कोर्ट आवाज उठा चुकी हैं। अब उन्होंने 5G तकनीक लागू करने के विरोध में दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका लगाई दी है। जिसकी पहली सुनवाई 31 मई को हुई, अगली 2 जून को होने वाली है।

5G एक नए प्रोसेस के माध्यम से वन सिंगल डिजिटल सिग्नल को डिफरेंट चैनल्स में रेगुलेट करेगा। जिसे OFDM कहा जाता है। OFDM यह सुनिश्चित करेगा कि सिग्नल में कम से कम इंटरफेरेंस हो। 5G नेटवर्क 4G के स्पेक्ट्रम को कवर नहीं करेगा। उसके लिए वह 5GNR (न्यू रेडियो) एयर इंटरफेस यूज करेगा। 5G की अधिकतम स्पीड 20 GBPS तक होगी। यह हाई स्पीड कनेक्शन के साथ साथ ज्यादा कवरेज भी देगा।