कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान, 10 मई को वोटिंग और 13 मई को आएंगे नतीजे

कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटें हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और JDS ने 37 सीटें जीती थीं।

Updated: Mar 29, 2023, 12:39 PM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। राज्य की सभी 224 विधानसभा सीटों के लिए 10 मई को एक चरण में ही मतदान होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 13 मई को चुनाव नतीजे सामने आएंगे। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को चुनाव संबंधी जानकारी देते हुए बताया कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए 13 अप्रैल गजट नोटिफिकेशन जारी होगा। 20 अप्रैल से नामांकन शुरू होगा। वहीं, 21 से 23 अप्रैल तक नामांकन की सीमीक्षा होगी। 24 अप्रैल नामांकन वापसी की आखिरी तारीख होगी। सभी 224 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 10 मई को एक चरण में सपन्न होगा और 13 मई को चुनाव नतीजे आएंगे।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि कर्नाटक में कुल 5,21,73,579 वोटर हैं, जबकि 9.17 लाख नए वोटर जुड़े हैं। जो पहली बार मतदान करेंगे। राज्य में कुल 42,756 ट्रांसजेंडर हैं, जिनमें से 41,000 पंजीकृत हैं। चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ लोग खुद को ट्रांसजेंडर के तहत चिन्हित करने में झिझक रहे हैं, लेकिन हम उनसे आगे आने की अपील करते हैं। वे आगे आएं और खुद को जिस भी जेंडर कैटेगरी के अंतर्गत रजिस्टर कराना चाहते हैं, कराएं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि 1 अप्रैल को जिनकी उम्र 18 साल हो रही है, वे भी वोट कर सकेंगे। 100 बूथों पर दिव्यांग कर्मचारी तैनात रहेंगे।

कर्नाटक में 224 विधानसभा सीटें हैं। 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और JDS ने 37 सीटें जीती थीं। किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था। कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर सरकार बनाई और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे। करीब 14 महीने बाद ही कांग्रेस और जेडीएस की गठबंधन सरकार गिर गई थी। बीजेपी ने कांग्रेस के बागी विधायकों की मदद से भाजपा की सरकार बनाई और बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने। हालांकि, 2 वर्ष बाद येदियुरप्पा को भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में सीएम बदलने का फैसला किया और बसवराज बोम्मई, बीएस येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी चुने गए।