संसद में उठा मध्य प्रदेश में मक्का खरीद का मुद्दा, दिग्विजय सिंह और पीयूष गोयल में तीखी बहस

दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में कहा कि कोई बाध्यता नहीं है कि राज्य सरकार निवेदन करेगी तब ही आप खरीदेंगे। केंद्र सरकार भी मक्का खरीद कर सकती है, पीयूष गोयल बोले- आपको लगता है कि अपनी सरकार में बड़ा काम कर लिया

Updated: Dec 11, 2021, 06:54 AM IST

नई दिल्ली/भोपाल। मध्य प्रदेश के किसान मक्का की बिक्री को लेकर चिंतित हैं। मक्का खरीदी न होने के चलते किसान एमएसपी से आधे दाम पर व्यापारियों को मक्का बेचने को मजबूर हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने शीतकालीन सत्र के दौरान सदन में यह मुद्दे को उठाया। इस दौरान केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और दिग्विजय सिंह में गर्मागर्म बहस देखने को भी मिला।

दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में कहा कि, 'मध्य प्रदेश के लिए मक्का एक अत्याधिक महत्वपूर्ण फसल है। अधिकांश आदिवासी क्षेत्रों में मक्का बोई जाती है। मुझे जानकारी है कि राज्य सरकार ने 2019-20 में बड़ी मात्रा में मक्का की खरीद की थी। मैं केंद्र से पूछना चाहता हूं कि क्या मध्य प्रदेश में 2019-20 में मक्का की खरीद की गई थी और हां तो कितनी की गई थी?' 

इसके जवाब में केंद्रीय खाद्य राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति मुद्दे से भटकती दिखीं। उन्होंने कहा कि मोटा अनाज खरीदना राज्यों का विषय है। राज्य सरकार अपने उपभोक्ताओं को यदि मोटा अनाज उपलब्ध कराना चाहती है तो उसे खरीद कर बांट सकती है। इसपर दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया की वे यह जानना चाहते हैं कि केंद्र को जानकारी है या नहीं? शायद आपके पास जानकारी नहीं है। 

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सिंह ने केंद्र सरकार पर दूसरा प्रश्न दागते हुए पूछा कि केंद्र सरकार की फूड प्रोक्यूरमेंट पॉलिसी में क्या ये बाध्यता है कि राज्य सरकार निवेदन करेगी तब ही आप खरीदेंगे? मैने भी पॉलिसी देखी है, ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। केंद्र सरकार भी खरीदी कर सकती है? मैं पूछना चाहता हूं कि क्या मध्य प्रदेश में आदिवासी क्षेत्रों में मक्का खरीदने के लिए केंद्र सरकार कोई प्रोत्साहन देगी? सिंह के इस सवाल पर केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल की तिलमिलाहट स्पष्ट देखी गई।

सदन में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल तत्काल खड़े हुए और उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि थोड़े समय के लिए इनकी सरकार थी तो इन्हें लग रहा है बहुत बड़ा काम कर लिया। इसपर सभापति ने गोयल को व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं करते का निर्देश दिया। वहीं सिंह ने कहा कि मेरा सीधा प्रश्न है, मंत्रीजी बेकार इसे राजनैतिक बना रहे हैं। इसपर गोयल कहते हैं कि सीधा सवाल का सीधा जवाब दे रहा हूं, 2019-20 में कोई खरीदी नहीं कि गई। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने आक्रामक होते हुए कहा कि 2019-20 में खरीद की गई, लेकिन आपने (केंद्र सरकार) खरीदी नहीं की।

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दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर अपने ट्वीट में लिखा, 'भाजपा आदिवासियों के हित के बारे सोचने के बजाय केवल “सम्मान” रैलियों में आदिवासियों पर खर्च होने वाला धन “मोदीशाह सम्मान” रैलियों पर खर्च कर रहे हैं। नतीजा? मक्का की इस वर्ष MSP ₹1870 प्रति कुंटल हैं लेकिन आदिवासियों को मक्का की फसल व्यापारियों को ₹800-1150 प्रति कुंटल बेंचना पड़ा। नुक़सान किसका? आदिवासी का।फ़ायदा किसका? मामू गेंग का।' 

कांग्रेस नेता ने अन्य ट्वीट में लिखा है कि, 'मक्का आदिवासियों का प्रमुख फसल है। कमलनाथ जी ने अपने कार्यकाल में सबसे अधिक मक्का की MSP पर ख़रीद की थी। ना केवल ख़रीद की थी पर छिन्दवाड़ा में मक्का उत्सव कर उस पर लगने वाले उद्योगों को प्रोत्साहित करने की नीति भी बनाई थी। लेकिन मामू सरकार ने केंद्र को मक्का ख़रीदने का प्रस्ताव तक नहीं भेजा ना राज्य सरकार ने ख़रीद की।' सिंह ने यह भी बताया है कि सोयाबीन की फसल कमजोर होने के कारण मक्का का उत्पादन इस वर्ष पिछले वर्षों से लगभग 8 लाख टन अधिक हुआ है।