भवानीपुर से ताल ठोकेंगी ममता बनर्जी, टीएमसी MLA शोभन देव चटर्जी ने दिया इस्तीफा

नियमों के मुताबिक सीएम बने रहने के लिए 6 महीने के भीतर ममता बनर्जी को विधानसभा का सदस्य बनना होगा, पारंपरिक सीट भवानीपुर से चुनाव लड़ेंगी ममता

Updated: May 21, 2021, 11:15 AM IST

Photo courtesy: DNA India
Photo courtesy: DNA India

कोलकाता। पश्चिम बंगाल से बड़ी खबर सामने आ रही है। खबर है राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने पारंपरिक सीट भवानीपुर से ही चुनाव लड़ेंगी। भवानीपुर विधानसभा सीट से चुनकर आए तृणमूल कांग्रेस के विधायक शोभन देव चटर्जी ने इस्तीफा दे दिया है। नियमों के मुताबिक सीएम बने रहने के लिए ममता को 6 महीने के भीतर विधायक बनकर विधानसभा में पहुंचना होगा।

टीएमसी नेता शोभन देव चटर्जी ने इस्तीफा देने से पहले कहा कि सीएम ममता को छह महीने के भीतर किसी भी विधानसभा सीट से जीत हासिल करनी है। मैं उनकी ही सीट पर खड़ा हुआ था और जीत गया। मैं विधायक का पद इसलिए त्याग रहा हूं ताकि ममता वहां निष्पक्ष तरीके से चुनाव जीत सकें और मुख्यमंत्री बनी रहें। ममता बनर्जी की जीत में ही हम सभी की जीत है। माना जा रहा है कि इस सीट को छोड़ने के बाद शोभन देव चटर्जी को टीएमसी राज्यसभा भेज सकती है।

यह भी पढ़ें: फर्जी टूलकिट मामले में BJP पर ट्विटर का सर्जिकल स्ट्राइक, मैनिपुलेटेड मीडिया का लगा लेबल

दरअसल, ममता ने इस बार विधानसभा चुनाव में नंदीग्राम सीट पर हाथ आजमाया था। नंदीग्राम में ममता के करीबी रहे शुभेंदु अधिकारी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे थे। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी को छोड़कर बीजेपी ज्वॉइन की थी। ममता ने पारंपरिक सीट भवानीपुर को छोड़कर नंदीग्राम को इसलिए चुना क्योंकि वे बागियों को संदेश देना चाहती थीं। नंदीग्राम शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है, बावजूद ममता यहां से पर्चा भरीं और यहां कड़ी टक्कर देखने को मिला। ममता यहां बेहद कम अंतर से चुनाव हार गईं थीं।

कानूनी रूप से देखा जाए तो ममता फिलहाल करीब 6 महीनों तक पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पद पर बने रह सकती हैं। इस दौरान उन्हें किसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ना होगा। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164 के मुताबिक, 'एक मंत्री जो लगातार छह महीने तक राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं है, उसे पद छोड़ना पड़ेगा।' यानी सीएम बने रहने के लिए ममता को किसी भी तरह पश्चिम बंगाल विधानसभा का सदस्य बनना होगा।

यह भी पढ़ें: कोरोना से हो रही मौतों को लेकर भावुक हुए पीएम मोदी, बोले- सभी को मेरी श्रद्धांजलि

इससे पहले साल 2011 में भी यही हुआ था जब ममता बनर्जी पहली बार मुख्यमंत्री बनी थीं। उस दौरान वह लोकसभा सांसद थीं। पहली बार बंगाल की सीएम पद की शपथ लेने के बाद उन्होंने सांसद की सदस्यता से इस्तीफा दिया था और भवानीपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर सीएम की कुर्सी बचाने में कामयाब हुईं थीं। इस चुनाव में ममता के विश्वासपात्र सुब्रत बक्शी ने तृणमूल  के टिकट पर चुनाव जीतकर भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया था।