स्टालिन की रैली में दिखी विपक्षी एकता, कांग्रेस अध्यक्ष ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने का किया आह्वान

मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं, यही हमारी इच्छा है। प्रधानमंत्री कौन होगा यह सवाल ही नहीं है।

Updated: Mar 02, 2023, 09:01 AM IST

चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK अध्यक्ष MK स्टालिन के 70वें जन्मदिन पर बुधवार को चेन्नई में आयोजित समारोह में विपक्ष के कई नेता एक मंच पर दिखे। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने देश की सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर चुनाव लड़ने का आह्वान किया। वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व CM फारूक अब्दुल्ला ने खड़गे की बात का समर्थन करते हुए कहा कि हमें मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए। यह बाद में तय कर लेंगे कि प्रधानमंत्री कौन बनेगा।

एकजुट विपक्ष में पीएम पद का उम्मीदवार को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा, 'मैंने कभी नहीं कहा कि कौन लीड करेगा? समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को विभाजनकारी ताकतों के खिलाफ एक साथ आना चाहिए। कौन नेतृत्व करेगा या कौन पीएम चेहरा होगा, ये सवाल नहीं है। हम एकजुट होकर लड़ना चाहते हैं, यही हमारी इच्छा है।'

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विपक्ष के पीएम उम्मीदवार को लेकर जम्मू कश्मीर के पुर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब हम सभी एकजुट होंगे और जीतेंगे, उस समय तय किया जाएगा कि इस देश का नेतृत्व करने के लिए सबसे अच्छा व्यक्ति कौन है। जब उनसे पूछा गया कि क्या एमके स्टालिन पीएम उम्मीदवार हो सकते हैं? इसपर अब्दुल्ला ने कहा, 'क्यों नहीं। वो पीएम क्यों नहीं बन सकते? इसमें गलत क्या है?'

फारूक अब्दुल्ला ने मंच से स्टालिन समेत विपक्ष के सभी नेताओं से कहा, 'जागो, एकजुट हो जाओ और एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करो, जहां हम सभी सम्मान और शांति से रह सकें। भारत के लोग ही देश को मजबूत बनाते हैं। आइए हम एकसाथ मिलें और सद्भाव से काम करें।' अब्दुल्ला ने स्टालिन से कहा कि भारत मुश्किल में है। लोकतंत्र और संविधान को खतरे में डाला जा रहा है। मुझे उम्मीद है कि आप न केवल तमिलनाडु की सेवा करने के लिए बल्कि पूरे भारत की सेवा करने के लिए लंबे समय तक जिएंगे।

इस अवसर पर बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा, 'लालू जी ने हमेशा कहा है कि यह आपातकाल नहीं बल्कि अघोषित आपातकाल है, इसलिए हमें लड़ने की जरूरत है। हम उन्हें हरा सकते हैं और यह कोई बड़ा काम नहीं है। हमारा एजेंडा बेरोजगारी, महंगाई, संविधान को बचाने का है। आज सभी संवैधानिक संस्थाओं को हाईजैक कर लिया गया है। हमने देखा है कि वर्तमान सरकार संविधान के नियमों का पालन नहीं कर रही है।' इस रैली में समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव भी मौजूद थे।