मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष का राज्यसभा से वॉकआउट, राष्ट्रपति से मिले INDIA गठबंधन के सांसद, हस्तक्षेप की मांग

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि आज INDIA गठबंधन के 31 सदस्य राष्ट्रपति महोदया से मिले। INDIA गठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने मणिपुर में जो देखा, उसे राष्ट्रपति महोदया के सामने रखा।

Updated: Aug 02, 2023, 03:41 PM IST

नई दिल्ली। संसद के मॉनसून सत्र का आज 10वां दिन है। राज्यसभा में विपक्षी दलों ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग की। इस दौरान उन्होंने सदन में जमकर हंगामा किया। दरअसल, विपक्ष ने रूल 267 के तहत 60 नोटिस दिए, जिन्हें सभापति जगदीप धनखड़ ने अस्वीकार कर दिया। इससे नाराज विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया। 

वहीं, लोकसभा में दिल्ली ऑर्डिनेंस पर चर्चा होनी है। लेकिन इससे पहले ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद सदन 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। इसके बाद INDIA के सदस्य राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचे। राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा हम चाहते हैं कि पीएम मणिपुर का दौरा करें और वहां शांति बहाली के लिए कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ मणिपुर मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं, जिससे पीएम बच रहे हैं। हमने अपनी मांगों को लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। 

विपक्षी गठबंधन INDIA द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है, "हम बिना किसी देरी के राज्य में शांति और सद्भाव स्थापित करने के लिए आपसे तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं। प्रभावित समुदायों को न्याय प्रदान करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार दोनों को अपना कर्तव्य पूरा करना चाहिए। हम आपसे निवेदन करते हैं कि आप प्रधानमंत्री पर मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर संसद को तत्काल संबोधित करने के लिए दबाव डालें, जिसके बाद इस मामले पर एक विस्तृत और व्यापक चर्चा हो।"

मामले पर प्रेस से बातचीत के दौरान खड़गे ने कहा, “सरकार हमें सदन में बोलने नहीं दे रही है। मेरे माइक को तुरंत बंद कर दिया जाता है। यह सरकार न संविधान को बचाना चाहती है और न ही संविधान के उसूलों पर चलना चाहती है। इसलिए हम एक होकर मजबूती के साथ लड़ेंगे।" उन्होंने कहा, “हमारे साथियों ने बताया कि मणिपुर हिंसा में हजारों की संख्या में अत्याधुनिक हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है। मणिपुर में दो समुदायों के बीच जारी लड़ाई को शांत करने के लिए प्रधानमंत्री को वहां जाना चाहिए। पहले भी कई बार सदन में नियम 267 के तहत अनुमति दी गई है, लेकिन ये सरकार बात सुनने को तैयार ही नहीं है। हमने मणिपुर के साथ हरियाणा में जारी हिंसा की बात भी राष्ट्रपति महोदया के सामने रखी है।"