अरुणाचल में जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़, टेलीग्राम से भेजी जा रही थीं सूचनाएं, 5 संदिग्ध गिरफ्तार
अरुणाचल प्रदेश में पाकिस्तान के लिए जासूस की जा रही थी। जासूसी के आरोप में बीते 10 दिनों में कुल 5 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।
ईटानगर। चीन सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश में सुरक्षा एजेंसियों ने बड़े जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है। एजेंसियों ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों में भारतीय वायुसेना का एक रिटायर्ड कर्मचारी भी शामिल हैं। इन गिरफ्तारियों से पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सिर्फ बीते 10 दिनों में पकड़े गए पाकिस्तान से जुड़े संदिग्ध जासूसों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है। एजेंसियों का मानना है कि यह पूर्वोत्तर में सक्रिय एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है। पुलिस और जांच एजेंसियों के मुताबिक, शुरुआती जांच में इस नेटवर्क के चीन से जुड़े होने के संकेत भी मिले हैं।
सुरक्षा एजेंसियां इसे हाइब्रिड वॉर रणनीति से जोड़कर देख रहे हैं, जिसमें जासूसी, घुसपैठ और सैन्य दबाव को एक साथ इस्तेमाल किया जाता है। हाल ही में असम के तेजपुर में पुलिस ने कुलेंद्र शर्मा को गिरफ्तार किया गया है, जो भारतीय वायुसेना से रिटायर्ड जूनियर वारंट ऑफिसर रह चुके हैं। इस मामले में उनसे लगातार पूछताछ जारी है। कुलेंद्र शर्मा की तैनाती पहले तेजपुर एयरफोर्स स्टेशन में थी और वे वर्ष 2002 में रिटायर हुए थे।
रिटायरमेंट के बाद उन्होंने तेजपुर यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में भी काम किया। पुलिस के मुताबिक, खुफिया इनपुट मिलने के बाद कार्रवाई की गई, जिसमें शर्मा के पाकिस्तान स्थित हैंडलर्स से संपर्क के सबूत मिले हैं। जांच एजेंसियों के अनुसार, आरोपी टेलीग्राम और सोशल मीडिया के एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म के जरिए सीमा पार सूचनाएं भेज रहे थे। कुलेंद्र शर्मा के मोबाइल और डिजिटल डिवाइस से डिलीट किए गए चैट्स और डेटा के सबूत भी मिले हैं।
इस बीच, स्थानीय लोगों ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास चीनी सेना की मौजूदगी और संभावित घुसपैठ की जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी सेना की गतिविधियों और अन्य संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तानी हैंडलर्स तक भेज रहे थे। शुरुआती जांच में इस नेटवर्क के चीन से जुड़े होने के संकेत भी मिले हैं।




