Bengaluru: 50 हजार दुकानें बंद, पेट की आग का क्या होगा

Bengaluru Violence: हिंसा से जले बेंगलुरु का दूसरा चेहरा, नौकरी देने वाले शहर में 50 हजार से ज़्यादा दुकानें बंद, लाखों लोग बेरोजगार

Updated: Aug 13, 2020, 08:04 AM IST

photo courtesy : thenewsminute.com
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बेंगलुरु। मंगलवार देर रात बेंगलुरु जल रहा था। गार्डन सिटी में उन्मादी भीड़ तांडव कर रही थी। विवाद एक मामूली फेसबुक पोस्ट को लेकर था। इस हिंसा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है और 60 पुलिसकर्मी घायल हैं। विवाद की खबरें सुर्ख़ियाँ बनीं, मगर हिंसा में जले बेंगलुरु का दूसरा चेहरा खबरों में वैसी जगह नहीं ले पाया। यह खबर है कि कोरोना काल में शहर की 50 हजार दुकानें बंद हो चुकी हैं। इन दुकानों के मालिक और कर्मचारी बेरोज़गार हो गए हैं। इनके पेट की आग बुझाने का फ़िलहाल कोई इंतज़ाम नहीं है।   

यह कोरोना ही नहीं इस महामारी से निपटने के सरकारी इंतज़ामों की पोल खोल ही है कि जिस शहर की पहचान रोज़गार से होती है, उस शहर के वासियों के पास अब काम नहीं है। अंग्रेज़ी अख़बार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर है कि बेंगलुरु की चार लाख दुकानों में से कपड़े, जूते तथा स्टेशनरी की पचास हजार दुकान स्थायी रूप से बंद हो चुकी हैं। कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में बिक्री का स्तर एकदम गिर गया। दुकानदार किराया देने की स्थिति में नहीं हैं। कर्मचारियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। मालिक ही नहीं इन बंद दुकानों में काम करने वालों का रोजगार भी चला गया है।

एक लाख से ज़्यादा दुकानों के बंद होने का खतरा   

फेडरेशन ऑफ कर्नाटका चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अनुसार बेंगलुरु नगर निगम के अंतर्गत तकरीबन 4 लाख दुकानें आती हैं, जिनमें से बिक्री न होने की वजह से अब तक 12 से 15 प्रतिशत तक दुकानें बंद हो चुकी हैं। बंद दुकानों का आंकड़ा 8 से 10 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। इतना ही नहीं अगर आने वाले त्योहारों के मौसम में बाज़ार में खरीददारी नहीं बढ़ती है तो जल्द ही बेंगलुरु में 1 लाख से ज़्यादा दुकानें बंद हो जाएंगी और लगभग उतने ही परिवार भुखमरी के कगार पर होंगे।