Parle Against Hate: नफरत फ़ैलाने वाले न्यूज़ चैनलों को नहीं मिलेगा पारले का विज्ञापन
Indian Civil Liberties Union: सिविल लिबर्टी यूनियन ने ट्वीट करके कहा कि यही समय है, पारले और बजाज की अगुवाई अन्य कंपनियां भी जुड़ें." क्योंकि चैनल्स अपने टारगेट ऑडिएंस का भरोसा खो रहे हैं

मुंबई। देश की प्रसिद्ध बिस्किट निर्माता कम्पनी पारले ने नफरत फ़ैलाने वाले समाचार चैनलों को विज्ञापन नहीं देने का फैसला किया है। कम्पनी का कहना है कि नफरत और घृणा फ़ैलाने वाले किसी भी समाचार चैनल को हम विज्ञापन नहीं देंगे। पारले के इस फैसले की जानकारी इंडियन सिविल लिवर्टीज यूनियन ने अपने ट्विटर के माध्यम से दी है। इसके पहले बजाज कम्पनी लिमिटेड ने भी इस बात की घोषणा की थी कि नफरत और घृणा फ़ैलाने वाले चैनलों को वो विज्ञापन नहीं देंगे।
इंडियन सिविल लिवर्टीज यूनियन ने अपने ट्विटर पर लिखा है कि "पारले कंपनी ने फैसला किया है कि वह जहरीली और आक्रामक सामग्री प्रसारित करने वाले समाचार चैनलों को अब कोई भी विज्ञापन नहीं देंगे। यह चैनल उस प्रकार के नहीं हैं, जिसमें कंपनी अपने पैसे लगाना चाहती हो, क्योंकि यह अपने टार्गेट ऑडियंस का पक्ष नहीं लेती हैं। यही समय है, पारले और बजाज की अगुवाई से और भी कंपनियां जुड़ें."
Parle Products has decided not to advertise on news channels that broadcast toxic aggressive content.
— Indian Civil Liberties Union (@ICLU_Ind) October 11, 2020
These channels are not the kinds that the company wants to put money into as it does not favour its target consumer.
It's time more companies join the lead of Bajaj and Parle. pic.twitter.com/LNXr9ytmBF
कम्पनी के वरिष्ठ अधिकारी कृष्णराव बुद्ध ने समाचार पत्र अमर उजाला से कहा है कि कम्पनी समाज के अंदर जहर घोलने वाले समाचार चैनलों को विज्ञापन नहीं देगी। हम ऐसी संभावनाएं तलाश कर रहे हैं जिसमें अन्य कम्पनियां हमारे साथ आएं। जिससे समाचार चैनलों को ये संकेत मिल सके कि उन्हें अपने कंटेंट में बदलाव की जरुरत हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि हम सामाजिक विभेद पैदा करने वाले किसी भी समाचार चैनलों में पैसा खर्च नहीं करना चाहते है। हमारा टारगेट ऑडियंस वो नहीं हैं।
इससे पहले उद्योगपति और बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने दो अंग्रेजी टीवी चैनलों को बताया था कि "उनकी कंपनी ने तीन न्यूज चैनलों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। उन्होंने कहा था एक मजबूत ब्रांड वो नींव है जिसपर आप एक मजबूत व्यवसाय को खड़ा करते हैं। दिन के अंत में, एक व्यवसाय का उद्देश्य भी समाज में कुछ योगदान करना है। हमारा ब्रांड कभी किसी ऐसी चीज के साथ नहीं जुड़ा है। जो हमें लगता हो कि यह समाज में जहर खोलने का स्रोत हैं।
Strongly believe that a strong brand is a foundation on which you build a business. Bajaj as a brand has blacklisted three channels for advertising for sometime, says Rajiv Bajaj #OnCNBCTV18 #TRPSCAM #FakeTRP #FakeTRPScam #MumbaiPolice pic.twitter.com/IdFq7z5QKS
— CNBC-TV18 (@CNBCTV18Live) October 8, 2020
ट्विटर पर मिल रहा समर्थन
इंडियन सिविल लिवर्टीज यूनियन के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए स्वरा भास्कर ने लिखा, "येय, थ्री चियर्स पार्ले के लिए। इस पर ट्विटर में लोगो द्वारा इसे खूब पसंद किया जा रहा हैं। इस ट्वीट को जमकर रीट्वीट और लाइक मिल रहे हैं। भारत में कोरोना महामारी से बचने के लिए किए लॉकडाउन उससे उपजे संकट को देखकर पारले ने, अपनी बिस्किट के 3 करोड़ पैकेट मुफ्त बाटने का निर्णय किया था।
लॉकडाउन में पारले ने तोड़ा था बिक्री का रिकॉर्ड
कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन में जहां एक ओर ज्यादातर कंपनियों को घाटा हो था। वहीं दूसरी ओर पारले ने बिक्री का बीते 82 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया था। कम्पनी ने बिक्री की कुल संख्या तो नहीं बताई लेकिन ये जरूर कहा कि इस साल मार्च, अप्रैल और मई महीने उसके लिए बीते 8 दशकों में सबसे बेहतर कमाई के महीने साबित हुई हैं। इस दौरान कम्पनी का कुल शेयर लगभग 5 फीसद बढ़ा। परले की शुरुआत साल 1938 से हुई थी। तब से ही यह लोगों का फेवरेट ब्रांड बना हुआ हैं। आज भी इसकी कीमत अन्य ब्रांड्स के मुकाबले काफी काम है।