EVM Hacking: क्या वाकई हो रही है EVM की हैकिंग, हरियाणा के वायरल वीडियो से फिर उठा सवाल

Baroda, Haryana: वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स ने स्वीकारी बीजेपी के लिए वोट डालने की बात, लोगों ने लगाया प्रशासन की मिलीभगत का आरोप

Updated: Nov 03, 2020, 08:50 PM IST

Photo Courtesy: Firstpost
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बरोडा, हरियाणा। आज देश के कई राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं। ऐसे में ईवीएम हैकिंग को लेकर एक बार फिर से सवाल खड़े किए जा रहे हैं। इस बीच हरियाणा के बरोडा गांव में कुछ लोगों एक व्यक्ति को पकड़ने का दावा किया है। वीडियो डालते हुए दावा किया गया है कि यह व्यक्ति मशीन के जरिए बीजेपी के पक्ष में वोट डाल रहा था। वीडियो में उस व्यक्ति ने खुद भी यह स्वीकार किया है। यह घटना तब सामने आई है, जब आज सुबह मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव मतदान प्रक्रिया से शुरू होने से पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ईवीएम मशीनों के हैक होने की आशंका जताई थी। ट्विटर पर यह वीडियो किसान नेता रमनदीप सिंह मान ने भी शेयर किया है।

 

बरोडा गांव का जो वीडियो ट्विवटर पर डाला गया है, उसमें एक व्यक्ति एक छोटी सी मशीन के साथ दिख रहा है। उसका कहना है कि यह मशीन उसे एक कंपनी ने दी है और वह बीजेपी के लिए वोट डाल रहा है। लोगों का आरोप है कि यह सब काम प्रशासन की मिलीभगत से हो रहा है। उस व्यक्ति ने उस दूसरे शख्स का मोबाइल नंबर भी दिया है, जिसने उसे यह मशीन दी है। यहां यह बताना जरूरी है कि चुनाव आयोग लगातार ईवीएम मशीन हैकिंग के आरोपों को नकारता आया है। हालांकि, विपक्ष समय-समय पर इस संबंध में सवाल भी उठाता रहा है।

इससे पहले दिग्विजय सिंह ने एक ट्वीट करते हुए कहा, "तकनीकी युग में विकसित देश ईवीएम पर भरोसी नहीं करते लेकिन भारत और कुछ छोटे देशों में ईवीएम से ही चुनाव होते हैं। विकसित देश क्यों नहीं कराते? क्यों? क्योंकि जिसमें चिप है वह हैक हो सकती है।"

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहले भी ईवीएम मशीन को लेकर अपना अविश्वास व्यक्त कर चुके हैं। पिछले महीने भी इस संबंध में उन्होंने अपने विचार साझा किए थे। दूसरी तरफ बीजेपी विपक्ष के आरोपों को हार की खीझ बताती आई है। हालांकि, ईवीएम को लेकर सबसे पहले बीजेपी ने ही सवाल उठाए थे। लाल कृष्ण आडवाणी से लेकर आरके सिन्हा तक ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठा चुके हैं। 

दूसरी तरफ यूके, फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी, इटली, आयरलैंड जैसे देशों ने ईवीएम पर प्रतिबंध लगा रखा है। जर्मनी के सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम मशीनों को संविधान के खिलाफ बताया है। इन देशों का मानना है कि चुनाव में पारदर्शिता संवैधानिक अधिकार है।