कांग्रेस में शामिल न हो पाने के दुःख से उबर नहीं पाए PK, फिर से हाईकमान पर निकाला खीझ

प्रशांत किशोर ने एक बार फिर कांग्रेस को दी मुफ्त का सलाह, बोले- लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष चुने कांग्रेस, ट्वीट और कैंडल मार्च से आप बीजेपी को नहीं हरा सकते

Updated: Dec 11, 2021, 01:32 PM IST

Photo Courtesy: ET
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नई दिल्ली। देश के विख्यात चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस में शामिल न हो पाने के दुःख से उबर नहीं पा रहे हैं। इसका नतीजा है कि हर गुजरते दिन वह हाईकमान के खिलाफ अपनी झुंझलाहट और खीझ को विभिन्न तरीके से निकाल रहे हैं। पीके ने एक बार फिर से कांग्रेस नेतृत्व को भला बुरा कहा है। इतना ही नहीं पार्टी द्वारा मिली ठोकर के बावजूद वो मुफ्त की सलाह देने में कोई कमी नहीं कर रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने इंडिया टूडे को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि, 'कांग्रेस के बिना भी भारत में विपक्ष संभव है। साल 1984 के बाद कांग्रेस को अकेले एक भी लोकसभा चुनाव में जीत नहीं मिली है। बीते दस साल में कांग्रेस को 90 फीसदी चुनावों में हार मिली है। सिर्फ ट्वीट और कैंडल मार्च से आप बीजेपी को हरा नहीं सकते। कांग्रेस नेतृत्व को इस हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।'

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प्रशांत ने आगे कहा कि अगर पार्टी को बचाना है तो गांधी परिवार से बाहर के किसी नेता को लोकतांत्रिक तरीके से अध्यक्ष चुना जाना चाहिए। उन्होंने साल 2024 के लोकसभा चुनावों में विपक्ष के लिए बीजेपी से मुकाबला करने के लिए अपना ब्लू प्रिंट भी पेश किया। खास बात यह है कि इंटरव्यू के दौरान वह प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ भी करने लगे।

प्रशांत ने कहा कि, 'पीएम मोदी सभी की बात सुनते हैं। यही उनकी ताकत है। उन्हें पता है लोगों को क्या चाहिए। अगले कुछ दशकों तक भाजपा के इर्द-गिर्द ही देश की राजनीति घूमेगी।' बता दें कि पीएम मोदी को लेकर प्रशांत किशोर का दृष्टिकोण मौसमों के साथ बदलते रहता है। कई मौकों पर वे खुद कह चुके हैं कि पीएम मोदी घमंडी हैं और वे किसी की नहीं सुनते। लेकिन सर्द होती मौसम में पीएम को लेकर पीके की विचार में भी नरमी आ गई है।

दरअसल, पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद प्रशांत किशोर कांग्रेस जॉइन करना चाहते थे। उन्होंने रणनीतिकार का काम छोड़ने का भी ऐलान कर दिया था। उन्होंने विपक्षी दल कांग्रेस से इस बाबत संपर्क भी किया लेकिन बात नहीं बनी। बताया जाता है कि कांग्रेस हाईकमान ने एक बार तो उन्हें पार्टी में शामिल करने का मन बना भी लिया था। लेकिन पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पीके को भरोसेमंद नहीं समझा और अंत में हाईकमान ने उन्हें पार्टी में शामिल करने से मना कर दिया। 

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इन दिनों वे टीएमसी चीफ ममता बनर्जी को विपक्ष का चेहरा बनाने में जुटे हुए हैं। एक दो राज्यों में कांग्रेस के कुछ नेताओं को तोड़ने में मिली सफ़लता के बाद ममता को उन्होंने विपक्षी चेहरा घोषित भी कर दिया। हालांकि, अन्य कई दलों द्वारा इसे स्वीकारने से इनकार करने के बाद वे बैकफुट पर हैं। शायद इसी का नतीजा है जो हर दो-तीन दिनों में कांग्रेस के प्रति प्रशांत किशोर की खीझ देखने को मिल जाती है।