राजस्थान में लोगों मिलेगी मिनिमम इनकम की गारंटी, ये कानून पारित करने वाला पहला राज्य बना राजस्थान

सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि देश के बुजुर्ग, असहाय सहित आम आदमी को एक मिनिमम आय की गारंटी होनी चाहिए। यह एक्ट पूरे देश में लागू होना चाहिए।

Updated: Jul 22, 2023, 06:28 PM IST

जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने मास्टर स्ट्रोक लगाते हुए न्यूनतम आय गारंटी बिल पारित किया है। गहलोत सरकार ने शुक्रवार को बेरोजगारों के लिए न्यूनतम गारंटीशुदा आय (मिनिमम गारंटीड इनकम) बिल शुक्रवार को सदन में पेश किया। इसे विधानसभा में चर्चा के बाद पारित कर दिया गया। शनिवार को इस संबंध में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान ये बिल लागू करने वाला पहला राज्य होगा।

सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि मैंने लोगों को सोशल सिक्योरिटी देने के लिए पीएम को कई बार पत्र लिखा हैं। इसके बावजूद वे इसके लिए तैयार नहीं है। सीएम ने कहा कि राजस्थान ऐसा पहला राज्य है जिसने लोगों को न्यूनतम आय गारंटी का अधिकार दिया है। इस बिल के प्रावधानों के अनुसार शहरों और गांवों में रहने वाले लोगों को साल में 125 दिन का रोजगार मिलेगा। इसके अलावा विधवा और निशक्तों को 1 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी।

सीएम गहलोत ने कहा कि राहुल गांधी ने जिस तरह से कहा था कि न्याय योजना से हर व्यक्ति को तय पैसा मिलना चाहिए। केंद्र में हमारी सरकार नहीं बनी, लेकिन वह थीम हम आगे बढ़ाएंगे। हम चाहते हैं कि सोशल सिक्योरिटी को लेकर लगातार काम करें। केंद्र सरकार 200-300 रुपए पेंशन देती है, क्या इससे सामाजिक सुरक्षा होती है? हमारी सरकार दोबारा बनी तो न्यूनतम आय गारंटी योजना को आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब नरेगा लागू किया गया था, तब लोग समझ नहीं पाए थे। लेकिन, बीते दिनों खुद पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि मैं नरेगा को बंद नहीं करूंगा, बल्कि कांग्रेस के स्मारक के रूप में इस्तेमाल करूंगा।

बीजेपी पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी परफॉर्मेंस से ये लोग बुरी तरह घबराए हुए हैं। इसी कारण बीजेपी वाले रटी रटाई बातें बोलते हैं कि हम रेवड़ी बांट रहे है। लेकिन, सच्चाई तो ये है कि रेवड़ी कहने वाले खुद रेवड़ी बांट रहे है। हमारी योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है। ये लोग हम पर कर्जा बढ़ाने का आरोप लगाते है, लेकिन कर्जा केंद्र सरकार की मंजूरी से मिलता है। अगर राज्य की कर्जा लेने की स्थिति नहीं हो तो कर्ज लेने की अनुमति मिलती नहीं है। हम पैरामीटर्स पर खरा उतरते हैं, इसलिए कर्जा मिलता है। कर्ज हर राज्य सरकार पर है।