गुलाबचंद कटारिया: हर कोई मुख्यमंत्री बनना चाहता है, राजस्थान बीजेपी में कोई गुटबाजी नहीं

कटारिया ने राजस्थान बीजेपी के नेताओं की नड्डा के साथ बैठक में वसुंधरा को न बुलाए जाने पर भी स्पष्टीकरण दिया है

Updated: Jan 21, 2021, 01:26 AM IST

Photo Courtesy: Patrika
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जयपुर। राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राजस्थान बीजेपी में चल रही गुटबाजी के दावों को धता बताया है। बीजेपी नेता गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि राजस्थान बीजेपी के भीतर कोई खेमेबाजी नहीं चल रही है। कट्रिया के मुताबिक यह सिर्फ मीडिया द्वारा उड़ाई जा रही अफवाह है। 

बीजेपी में मनमर्ज़ी से तय नहीं होता मुख्यमंत्री 

राजस्थान के पूर्व गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा है कि बीजेपी में मनमर्ज़ी से मुख्यमंत्री तय नहीं किया जाता है। कटारिया ने बीजेपी के भीतर कथित लोकतंत्र का हवाला देते हुए कहा कि पार्टी हाईकमान पहले कमेटी गठन करती है, इसके बाद कमेटी और विधायकों द्वारा ही मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगती है। कटारिया ने कहा कि आगामी दिनों में राजस्थान में न तो कटारिया की सरकार होगी और न ही पूनिया (सतीश पूनिया) की। कटारिया के मुताबिक बीजेपी में मुख्यमंत्री का नाम पूर्णतः लोकतांत्रिक व्यवस्था को ध्यान में रखकर किया जाता है। 

वसुंधरा बीजेपी की बैठक में क्यों नहीं गईं 

हाल ही में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता में राजस्थान बीजेपी के नेताओं की बैठक हुई थी। इस बैठक में गुलाबचंद कटारिया के अलावा राजस्थान बीजेपी के अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी शामिल थे। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बैठक में शामिल नहीं किया गया था। यह इस बात को हवा देने के लिए काफी था कि राजस्थान बीजेपी में गुटबाजी एक बार फिर चल पड़ी है। 

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लेकिन गुलाबचंद कटारिया ने मीटिंग में वसुंधरा के शामिल न होने को लेकर कहा है कि दिल्ली में हुई बैठक एक संगठनात्मक बैठक थी। चूंकि वसुंधरा राजे बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य हैं, लिहाज़ा वसुंधरा बैठक में शामिल नहीं थीं। वसुंधरा के बैठक में शामिल न होने को लेकर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा था कि बैठक निकाय चुनाव और तीन सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तैयारियों को लेकर हुई थी। 

दोनों नेताओं के स्पष्टीकरण के बाद भी राजस्थान बीजेपी में गुटबाजी की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता। वसुंधरा खेमे के खिलाफ राजस्थान बीजेपी में नाराज़गी किस कदर हावी है वह इस बात से समझा जा सकता है कि हाल ही में घनश्याम तिवाड़ी की बीजेपी में वापसी हुई है। घनश्याम तिवाड़ी वही नेता हैं जो वसुंधरा के सबसे बड़े धुर विरोधियों में से एक माने जाते हैं। ऐसे में घनश्याम तिवाड़ी की बीजेपी में दोबारा शामिल होने के बाद से ही गुटबाजी की अटकलें तेज़ हैं। पिछले साल जब राजस्थान में सियासी संकट पनपा था, उस दौरान भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके समर्थकों की असक्रियता ने भी गुटबाजी को लेकर कई आशंकाओं को जन्म दे ही दिया था।