जब तक MSP की गारंटी नहीं तब तक जारी रहेगा आंदोलन, राकेश टिकैत का एलान

राकेश टिकैत ने कहा कि शीतकालीन सत्र के पहले दिन करीब पांच सौ किसान ट्रैक्टर से दिल्ली जाएंगे, टिकैत ने आंदोलनकारी किसानों से भाजपा की बातों में नहीं आने की अपील की

Publish: Nov 26, 2021, 10:07 AM IST

नई दिल्ली। कृषि कानूनों की वापसी के बाद भी किसान आंदोलन जारी रहेगा। आंदोलन जारी रहने का एलान खुद किसान नेता राकेश टिकैत ने किया है। टिकैत ने कहा है कि जब तक केंद्र की मोदी सरकार आंदोलनकारियों की सभी मांगें नहीं मान लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। 

किसान आंदोलन के आज एक वर्ष पूरे होने पर राकेश टिकैत ने अपने संबोधन में एलान किया कि जब तक सरकार किसानों को एमएसपी की गारंटी नहीं दे देती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने शीतकालीन सत्र के पहले दिन यानी 29 नवंबर को करीब पांच सौ ट्रैक्टर के साथ किसानों को दिल्ली चलने का आह्वान किया। 

राकेश टिकैत ने कहा कि अगर उस दिन दिल्ली जाने का रास्ता खुला रहा तब पांच सौ किसान ट्रैक्टर से दिल्ली जाएंगे। किसान नेता ने इसके लिए किसानों को तैयार रहने के लिए कहा। इसके अलावा उन्होंने आंदोलनकारियों को सरकार की बातों में न आने की हिदायत दी। राकेश टिकैत ने आंदोलनकारियों से कहा कि बीजेपी के लोग आपको कानून वापसी तो घर वापसी की बात कहेंगे, लेकिन हमें अपनी मांगों पर डटे रहना है। जब तक हमारी सभी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक हम आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। 

राकेश टिकैत के अलावा उनके बड़े और भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कानून वापसी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद किया। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में शहीद होने वाले लोगों के लिए भी प्रधानमंत्री को दो शब्द कहने चाहिए। यह किसी की हार या जीत वाली बात नहीं है। 

वहीं किसान नेता दर्शन पाल ने भी यह स्पष्ट तौर पर कहा कि जब तक किसानों की हर मांग नहीं मानी जाएगी तब तक यह आंदोलन समाप्त नहीं होगा। दर्शन पाल ने कहा कि अभी भी एमएसपी की गारंटी का कानून, इलेक्ट्रिसिटी बिल वापस लेने सहित अन्य मांगों को नहीं माना गया है। इसलिए अभी आंदोलन को समाप्त करने का कोई इरादा नहीं है। 

बुधवार को मोदी कैबिनेट ने आगामी सत्र के कृषि कानूनों को रद्द किए जाने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया था। आगामी सत्र में इन तीनों कानूनों को रद्द किया जाना है। प्रधानमंत्री मोदी ने 19 नवम्बर को इन तीनों कानूनों को रद्द किए जाने की घोषणा की थी। इसके साथ ही उन्होंने आंदोलनरत किसानों से अपने घर लौटने की अपील भी की थी। लेकिन आंदोलनरत किसानों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगों को नहीं माना जाएगा, तब तक वे अपने आंदोलन को जारी रखेंगे।